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मंत्रालय का बजट 55 से 76 हजार करोड़ सराहनीय पहल : अठावले

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मोदी सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास से जीते...

मंत्रालय का बजट 55 से 76 हजार करोड़ सराहनीय पहल : अठावले
हिन्दुस्तान टीम,नैनीतालSun, 30 Jun 2019 08:04 PM
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केंद्रीय सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की मूल अवधारणा के चलते ही मोदी सरकार दोबारा सत्ता में काबिज हुई है। केंद्र ने मंत्रालय के बीते वित्तीय वर्ष के बजट 55 हजार करोड़ को बढ़ाकर इस वर्ष 76 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। इससे उपेक्षित समाज समेत दिव्यागों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में और तेजी से कार्य हो सकेगा।

यहां राज्य अतिथि गृह में हुई पत्रकार वार्ता में मंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कतई मुस्लिम विरोधी नहीं है। कांग्रेस व विपक्षियों ने ऐसा प्रचार कर देशवासियों को गुमराह किया जिसकी कीमत उन्हें लोस में चुकानी पड़ी। मोदी के बाबा साहेब का संविधान बदलने की चर्चाएं भी कोरी अफवाह है। मोदी खुद कहते हैं कि इसी संविधान की बदौलत ही एक चाय वाला आज देश का प्रधानमंत्री है। अठावले ने कहा कि 2011 की जनसंख्या के अनुरूप देश में दिव्यांगों की संख्या 2.57 करोड़ है। इनकी मदद के लिए सुगम्य भारत योजना, ट्राइसाइकिल बांटने, कम्प्यूटर देने, बैंक लोन आदि कार्यक्रम किए गए। इस दौरान 8000 कैंप में 800 करोड़ से ज्यादा के समान आदि बांटे गए, इसमें 12 लाख लोग लाभांवित हुए। मंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद सवर्णों को आरक्षण का मुद्दा पार्लियामेंट में उठाया था। इस पर केंद्र ने 8 लाख रुपये वार्षिक आय के सवर्णों को इसमें लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा संस्था की ओर से ओल्ड एज, छात्रवृत्ति, दिव्यांगजन की मदद, स्किल ट्रेनिंग, नशा उन्मूलन आदि कार्यक्रम किए जा रहे हैं। मंत्रालय ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण व्यवस्था में भी वर्गीकरण के बारे में विचार कर रहा है। प्रदेश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सरकार द्वारा पांचों सीटें केंद्र की झोली में डालने की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश प्रस्ताव भेजे मंत्रालय इसमें हर संभव मदद करेगा। यूपी के प्रस्ताव पर मंत्रालय विचार करेगाराज्य मंत्री अठावले ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस पर मंत्रालय विचार कर रहा है। इनकी अलग कैटेगिरी बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

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