कोटद्वार में बैन के बाद भी पॉलीथिन का इस्तेमाल
नगर निगम द्वारा पॉलीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाये जाने के बाद भी शहर में पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इसकी रोकथाम के लिए बनाये गये नियम-कानून महज कागजों में ही सिमट कर रह गये...
नगर निगम द्वारा पॉलीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाये जाने के बाद भी शहर में पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इसकी रोकथाम के लिए बनाये गये नियम-कानून महज कागजों में ही सिमट कर रह गये हैं।निगम प्रशासन की नाक के नीचे शहर के मुख्य इलाकों गोखले मार्ग, बद्रीनाथ मार्ग, देवी रोड एवं स्टेशन मार्ग आदि में दुकानदारों को पॉलीथीन में सामान देते हुए आसानी से देखा जा सकता है। वहीं, ग्राहक भी नियमित रूप से दुकानदार से पॉलीथिन में सामान देने की मांग करते हैं। निगम प्रशासन के अभियान चलाने के दौरान एक या दो दिन तक पॉलीथिन का प्रयोग बंद हो जाता है, लेकिन अभियान थमने के बाद फिर दुकानदार पॉलीथिन का प्रयोग शुरू कर देते हैं। पर्यावरण के लिए पॉलीथिन बेहद हानिकारक होती हैं और इसे पूरी तरह नष्ट होने में कई साल लग जाते हैं। लावारिस मवेशी भी इन पॉलीथिनों को खाकर बीमार पड़ रहे हैं इसके बावजूद निगम प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
इनका कहना है..
सहायक आयुक्त राजेश नैथानी का कहना है कि पॉलीथिन पर रोक लगाने के लिए अभियान में तेजी लाई जायेगी।