कवियों ने कविता के माध्यम से बताई पहाड़ की पीड़ा
ग्रामीण विकास नागरिक विचार मंच ने पोखड़ा ब्लॉक के गवांणी गांव में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कवियों ने उत्तराखंड की समस्याओं पर रचनाएँ प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि प्रो. एमडी खुशवाहा...
ग्रामीण विकास नागरिक विचार मंच की ओर से पोखड़ा ब्लॉक अंतर्गत गवांणी गांव में फील गुड संस्था प्रांगण में बुधवार देर शाम को आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से पहाड़ की पीड़ा को व्यक्त किया। गोष्ठी का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि राजकीय महाविद्यालय चौबट्टाखाल के प्राचार्य प्रो. एमडी खुशवाहा ने किया। इस दौरान विशिष्ट अतिथि बदरी केदार मंदिर समिति के सदस्य पुष्कर जोशी, ग्राम प्रधान रेखा नवानी, फील गुड संस्था के संस्थापक सुधीर सुंद्रियाल और कार्यक्रम संयोजक प्रवेश नवानी ने युवाओं को अपनी भाषा और अपनी माटी से जोड़ने के लिए कार्यक्रम का आयोजन सराहनीय बताया। तत्पश्चात गोष्ठी का आरभ करते हुए पूनम रावत ने उत्तराखंड की ज्वलंत समस्याओं पर आधारित कविता सुनाई। अनुसूया प्रसाद नवानी ने गढ़वाली गीत उत्तराखंड में कृषि कैलेंडर कब क्या बोया काटा..जाता है सुनाया। मोहन चंद्र पांथरी ने उत्तराखंड की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर तंज कसते हुए काव्य पाठ किया। प्राचार्य प्रो. एमडी खुशवाहा ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर कविता सुनाकर बालिका शिक्षा पर जोर दिया। प्रधानाचार्य दीप रावत ने भी काव्य पाठ किया। इस दौरान शिशु मंदिर गवांणी के बच्चों ने काव्यपाठ और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम में पुष्पा रावत, वीपी डबराल, विजयानंद लिंगवाल, सुनीता नवानी, विनीता जोशी, वीरेंद्र सिंह रावत, प्रवेश गौनियाल, दुर्गा गौनियाल, वीना नवानी, ईशा नेगी, सुरेंद्र प्रसाद जोशी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक टीकाराम पोखरियाल ने किया।
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