ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड कोटद्वारभागवत कथा श्रवण के लिए उमड़ी श्रोताओं की भीड़

भागवत कथा श्रवण के लिए उमड़ी श्रोताओं की भीड़

शिवपुर में आयोजित अमर शहीद मनदीप रावत की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रीमदभागवत कथा के पांचवे दिन प्रवचन करते हुए आचार्य सुधीर ध्यानी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन कर श्रोताओं को...

भागवत कथा श्रवण के लिए उमड़ी श्रोताओं की भीड़
हिन्दुस्तान टीम,कोटद्वारFri, 26 Jul 2019 02:25 PM
ऐप पर पढ़ें

शिवपुर में आयोजित अमर शहीद मनदीप रावत की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन प्रवचन करते हुए आचार्य सुधीर ध्यानी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।आचार्य ध्यानी ने कहा कि भागवत कथा में ज्ञान की ऊर्जा बहती है । भगवान श्रीकृष्ण पूर्णब्रह्म के अवतार हैं और उनकी कथा सभी रसों से समन्वित है । साहित्य में श्रवण के 9 रस हैं, भगवान श्रीकृष्ण की कथा में 9 रसों के अतिरिक्त दसवां प्रेम रस भी है । माखन लीला हास्य रस है ...वेणु गीत श्रृंगार रस है और गोपी गीत करुण रस है। जब भगवान दैत्यों का मानमर्दन करते है वहां रौद्र रस उत्पन्न होता है । बताया कि दसावतारों में भगवान श्री कृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार हैं उनके जीवन में त्याग तथा भोग का समन्वय है। वे 16 कलाओं से सम्पूर्ण हैं और गोकुल वृन्दावन में अपनी दिव्य लीलाओं के माध्यम से उन्होंने गोप गोपियों को आनन्द प्रदान किया। भगवान श्रीकृष्ण प्रकृति प्रेमी हैं और उन्हें पेड़ पौधों, वनों से अत्यधिक प्रेम है इसी कारण वनमाली तथा वनवारी उनके 2 प्यारे नाम पड़े । वे श्रेष्ठ राजनीतिज्ञ तथा कुशल संगीतज्ञ हैं। उन्होंने प्रेम की बांसुरी बजाकर सम्पूर्ण वृज मंडल को प्रेम के सूत्र में बांध दिया।इस मौके पर अमर शहीद की मां सुमा देवी, पिता बूथी सिंह रावत, सुदीप रावत, नन्दलाल खंतवाल, मनोज, मनीष, रीना, रश्मि, आशा देवी, कमला देवी सहित क्षेत्रीय जनता ने कथा का रस पान किया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें