हादसों को न्यौता देता पनियाली गदेरा का अतिक्रमण
पनियाली गदेरे से अब तक अतिक्रमण न हटाये जाने के कारण नगरवासियों को फिर से चिंता सताने लगी है। इसको लेकर प्रशासन कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बरसात के समय तबाही बचाने वाले...
पनियाली गदेरे से अब तक अतिक्रमण न हटाये जाने के कारण नगरवासियों को फिर से चिंता सताने लगी है। इसको लेकर प्रशासन कितना गंभीर है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बरसात के समय तबाही मचाने वाले पनियाली गदेरे से अब तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया। बरसात का मौसम आने वाला है। हजारों परिवारों को जान-माल का खतरा बना हुआ है। स्थानीय लोग इस संबंध में कई बार आला अधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।पनियाली गदेरा नगर क्षेत्र के आम पड़ाव, शिवपुर, मानपुर, सिताबपुर काशीरामपुर से होता हुआ सुखरो नदी में पहुंचता है। वर्षों पूर्व 70 से 80 मीटर चौड़े आकार में बहने वाला यह गदेरा आज अतिक्रमण से सिमटकर आठ से दस मीटर तक रह गया है। स्थिति यह है कि अतिक्रमण के कारण बरसात के समय बाढ़ के पानी को निकलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती। नतीजा बाढ़ का पानी नगर क्षेत्र में घुसकर तबाही मचाने लगता है। हैरत की बात यह है कि पिछले साल तबाही का मंजर देखने के बाद भी आज तक सरकारी तंत्र की ओर से न तो पनियाली गदेरे की सफाई करवाई गई, और न ही इस पर अतिक्रमण को चिन्हित किया गया।पूर्व में हुए हादसे1. वर्ष 1989-90 में पनियाली गदेरे में आई बाढ़ से दो लोगों की मौत। गदेरे से सटे क्षेत्रों में भारी नुकसान।2. वर्ष 1993-94 में गदेरे में आई बाढ़ से निचले क्षेत्रों में कई घरों में पानी भर गया, हालांकि कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ।3. वर्ष 2012 को गदेरे में आई बाढ़ से सूर्या नगर व कौड़िया क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ।4. तीन अगस्त 2017 पनियाली गदेरे ने रौद्र रूप दिखाया और गदेरे का पूरा पानी रिफ्यूजी कॉलोनी सहित कई अन्य मोहल्लों में घुस गया। इस तबाही से पांच लोगों की जान भी चली गई थी।5. वर्ष 2018 में बरसात के दौरान पनियाली गदेरे पर बना एक भवन क्षतिग्रस्त हो गया था। बाढ़ में बहने से एक महिला की मौत हो गई थी। साथ ही नगर क्षेत्र में पानी घुसने से कई परिवारों को नुकसान झेलना पड़ा।गंदगी में तब्दील हुआ नालानगर निगम क्षेत्र से होकर बहने वाला पनियाली गदेरा गंदगी में तब्दील हो चुका है। कई लोग नाले में कूड़ा डाल देते हैं, जिससे जगह-जगह कूड़े के ढेर जमा हो गए हैं। ऐसे में बरसात के समय खतरा बढ़ सकता है। बावजूद इसके भी नगर निगम व स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।