काशीपुर/बाजपुर/जसपुर। हिटी
जिले के अलग-अलग हिस्सों में किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध जताया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। साथ ही जल्द तीनों कानून वापस नहीं लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
बुधवार को किसानों ने तहसील परिसर और चीमा चौराहे पर कृषि बिलों की प्रतियां फूंकीं। भाकियू युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राणा ने कहा जब तक सरकार इन अध्यादेशों को वापस नहीं लेगी तब तक वे आंदोलन करते रहेंगे। कहा बिलों को वापस होने के बाद ही वे घरों को लौटेंगे। यहां टीका सिंह सैनी, बलजिंदर सिंह संधू, दर्शन देवल, कल्याण सिंह, इंदूमान, राजू छीना, बल्देव सिंह, रमेश पाल, प्रवेश राठी, हरजिंदर सिंह आदि रहे। इधर, बाजपुर में लोहड़ी के अवसर पर बड़ी संख्या में किसान गुरुद्वारा साहिब में एकत्रित हुए। इसके बाद वे जुलूस की शक्ल में भगत सिंह चौक पहुंचे। यहां उन्होंने कृषि कानून की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया। मौके पर बाबा प्रताप सिंह, विक्रम गिल, कुलविंदर सिंह किंदा, अजीत प्रताप रंधावा, वरुण कपूर, परमजीत गोराया, गुरजीत सोही, हरमिंदर बरार, विक्रम लड्डू, विश्वजीत संधू, गुरुदेव लाहोरिया, विक्की रंधावा, काका नामधारी, सुनीता टम्टा, प्रभजोत कौर, जसकिरण कौर आदि रहीं। उधर, जसपुर के सुभाष चौक में राष्ट्रीय आह्वान पर भाकियू, संयुक्त मोर्चा के सदस्य और किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने कृषि कानून को काला कानून और किसान विरोधी बताकर उसकी प्रतियां फूंकीं। इस दौरान विधायक आदेश चौहान और किसानों ने कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। यहां प्रेम सहोता, मुख्तार सिंह, सुरजीत ढिल्लो, शीतल बड़वाल, इंद्रपाल सिंह, डॉ. शुभ, गजेंद्र चौहान, शाहनवाज, सरजीत सिंह, हिमांशु, अभय, गौरव, मोइन, किशन, गुरजीत सिंह रहे।
काशीपुर में 18 को ट्रैक्टर रैली का होगा अभ्यास
काशीपुर। किसान मजदूर एकता संगठन के गगन कांबोज और संगठन के मनप्रीत सिंह ने कहा 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली प्रस्तावित है। इसके लिये 18 जनवरी को चैती परिसर में अभ्यास कराकर कार्यक्रम तय किया जाएगा।
विधायक नहीं, किसान बेटा बनकर आता हूं
जसपुर। जिले के एकमात्र कांग्रेसी विधायक आदेश चौहान ने बुधवार को सुभाष चौक पर पत्रकारों से कहा वह विधायक बाद में हैं पहले किसान के बेटे हैं। वह किसानों का दुख दर्द जानते हैं। इसलिए उनके प्रदर्शन में वह खुद को आने से नहीं रोक पाते हैं। उन्होंने कहा देश का किसान परेशान रहेगा तो कोई भी सरकार चैन से नहीं रह सकती है। लिहाजा केंद्र सरकार को काला कानून वापस ले लेना चाहिए।