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बाजपुर में किसानों ने रेलवे ट्रैक पर छका लंगर

कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर किसानों ने रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। इन लोगों ने रेलवे ट्रैक पर धरना देकर लंगर...

कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर किसानों ने रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। इन लोगों ने रेलवे ट्रैक पर धरना देकर लंगर...
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कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर किसानों ने रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। इन लोगों ने रेलवे ट्रैक पर धरना देकर लंगर...
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हिन्दुस्तान टीम,काशीपुरThu, 18 Feb 2021 05:50 PM
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बाजपुर। हमारे संवाददाता

कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर किसानों ने रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। इन लोगों ने रेलवे ट्रैक पर धरना देकर लंगर भी छका। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार को तानाशाह सरकार कहते हुए जमकर नारेबाजी भी की। हालांकि कोरोना काल के बाद से बंद रेल संचालन के चलते ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन बंद था।

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में बीते 83 दिनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं। वहीं भाकियू नेता राकेश टिकैत एवं संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को पूरे भारत में रेल रोको अभियान का आह्वान किया था। गुरुवार को भाकियू प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा की अगुवाई में बड़ी संख्या में किसान हाथों में तिरंगा व भाकियू का झंडा लेकर नारेबाजी करते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचे। इसके बाद यह लोग रेलवे ट्रैक पर नारेबाजी करते हुए बैठ गये। पड्डा ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानून को वापस नहीं लेगी आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की कोई सुध नहीं ले रही है। अब पूरे देश भर में सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही पर उतर आई है। पड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों से कोई सरोकार नहीं रह गया है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किंदा ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिये। हक देने की जगह सरकार किसानों को देशद्रोही कह रही है जो सही नहीं है। इसके बाद तय कार्यक्रम के अनुसार किसान चार बजे अपना धरना समाप्त कर वापस लौट गये।

मौके पर कर्म सिंह पड्डा, दलजीत सिंह रंधावा, कुलविंदर सिंह किंदा, हरमंदर सिंह बरार, मंगा सिंह, जीत सिंह, जसवंत सिंह, बाज सिंह, रंजीत शेरगिल, प्रभजोत बाजवा, इंदरप्रीत सिंह सिद्धू, मंजीत सिंह, जोरावर सिंह भुल्लर, राजेंद्र सिंह गिल आदि किसान मौजूद रहे।

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