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स्टूडेंट वीजा पर रूस गए एक और भारतीय छात्र को जबरन युद्ध में झोंका, भेजा यूक्रेन; MEA से गुहार

स्टूडेंट वीजा पर रूस गए एक और भारतीय छात्र को जबरन युद्ध में झोंका, भेजा यूक्रेन; MEA से गुहार

संक्षेप: स्टूडेंट वीजा पर रूस गए एक और भारतीय छात्र को जबरन सेना में भर्ती करने और यूक्रेन युद्ध में भेजने का मामला सामने आया है। परिवारवालों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। पंजाब के मोगा के बाद दूसरा मामला उत्तराखंड के उधम सिंह नगर का है।

Mon, 22 Sep 2025 10:03 AMGaurav Kala उधम सिंह नगर, हिन्दुस्तान
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रूस और यूक्रेन में तीन साल से ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है। इस भीषण युद्ध का असर इन दोनों देशों ही नहीं भारत के नागरिकों पर भी पड़ रहा है। पंजाब के मोगा के बाद एक और भारतीय छात्र को रूस में जबरन सेना की ट्रेनिंग देकर यूक्रेन युद्ध में झोंकने का आरोप है। मामला उधम सिंह नगर जिले का है। राकेश 7 अगस्त को स्टूडेंट वीजा पर रूस गया था, 30 अगस्त से उसका कुछ अता-पता नहीं है। परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

7 अगस्त को रूस गया था राकेश

शक्तिफार्म कुसमोठ निवासी राकेश कुमार (30 वर्ष) पुत्र राजबहादुर मौर्या इसी साल 7-8 अगस्त को स्टडी वीजा पर रूस गया था। वहां पहुंचने के बाद उसने घर फोन कर बताया था कि वह कठिन परिस्थितियों में फंस गया है। राकेश के बड़े भाई दीपू मौर्या ने 5 सितंबर को विदेश मंत्रालय को ईमेल कर पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने गुहार लगाई है कि भारत सरकार तत्काल हस्तक्षेप कर राकेश को सुरक्षित वतन वापस लाए।

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रूसी सेना की ड्रेस में भेजा फोटो

दीपू के अनुसार, 30 अगस्त को आखिरी बार राकेश से बात हुई थी। उसने बताया था कि उसे रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है और जल्द ही उसे यूक्रेन भेजा जाएगा। इसके बाद से उसका मोबाइल बंद है। उसने सेना की ड्रेस पहनकर एक फोटो भी भेजा था।

परिजनों ने रूस में भारतीय दूतावास को पत्र भेजकर मामले की जानकारी दी है और राकेश की सकुशल वापसी की मांग की है। साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी सूचित किया है। परिजन अब विदेश मंत्रालय से किसी ठोस कदम की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

पंजाब के बूटा सिंह का परिवार भी बैचेन

इसी तरह का मामला पंजाब के मोगा जिले के चक कनियां कलां गांव से भी आया। पिछले साल छात्र वीजा पर रूस गए बूटा सिंह को वहां धोखे से सेना में भर्ती कर लिया गया और उसे रूस-यूक्रेन संघर्ष में शामिल कर दिया गया। बूटा सिंह के परिवार का दावा है कि उनका बेटा उन उत्तर भारतीयों में शामिल है जिन्हें इस युद्ध में बिना जानकारी और सहमति के धकेल दिया गया। परिवार अब केंद्र सरकार से उसकी सुरक्षित वापसी के लिए मदद की गुहार लगा रहा है।

Gaurav Kala

लेखक के बारे में

Gaurav Kala
गौरव काला को नेशनल, राजनीति, अंतरराष्ट्रीय, क्राइम और वायरल समाचार लिखना पसंद हैं। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में 10 साल कार्य का अनुभव। लाइव हिन्दुस्तान से पहले अमर उजाला, दैनिक जागरण और ईटीवी भारत जैसे मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। इन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। और पढ़ें

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