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भारत के हाथियों को खूब पसंद आ रहा नेपाल के भुट्टों का टेस्ट, उत्तराखंड से कर रहे कई किमी का सफर

  • इन हाथियों का ही झुंड नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चम्पावत जिले के जंगल को पार कर बूम कॉरिडोर होता हुआ नेपाल के कंचनपुर जिले में पहुंच रहा है। यहां हाथियों के झुंड ने महेन्द्रनगर के आसपास के गांवों में उत्पात और आतंक मचा रखा है।

भारत के हाथियों को खूब पसंद आ रहा नेपाल के भुट्टों का टेस्ट, उत्तराखंड से कर रहे कई किमी का सफर
Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तानMon, 19 Aug 2024 10:29 AM
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हाथी भोजन की तलाश में सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर नेपाल के गांवों तक पहुंच रहे हैं। वहां खेतों में तैयार खड़ी मक्का की फसल हाथियों को रास आ रही है। हाथियों के झुंड भुट्टे खा रहे हैं और धान की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथियों के उत्पात से बचने के लिए नेपाल के वन अधिकारियों ने भारत के वन अधिकारियों से संपर्क किया है। 

एक हाथी प्रतिदिन औसतन करीब तीन कुंतल भोजन करता है। एक जगह पर एकमुश्त इतना भोजन नहीं मिल पाता है, इसलिए हाथी खुराक की तलाश में सैकड़ों किलोमीटर तक विचरण करते हैं। कॉर्बेट नेशनल पार्क में करीब 1226 हाथियों का वासस्थल है। ये हाथी कुमाऊं के सात कॉरिडोर से यात्रा कर भोजन की तलाश करते हैं। 

इन हाथियों का ही झुंड नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चम्पावत जिले के जंगल को पार कर बूम कॉरिडोर होता हुआ नेपाल के कंचनपुर जिले में पहुंच रहा है। यहां हाथियों के झुंड ने महेन्द्रनगर के आसपास के गांवों में उत्पात और आतंक मचा रखा है। खेतों में खड़ी धान की फसल को ये बर्बाद कर रहे हैं और खेतों में खड़े भुट्टों की दावत उड़ा रहे हैं। 

यही नहीं यह लोगों की झोपड़यिों तक को तहस-नहस कर दे रहे हैं। नेपाल से साझा किए हाथियों को रोकने के तरीके भारत के वन अधिकारियों के मुताबिक हाथियों के उत्पात पर नियंत्रण के लिए हम जो तरीके अपना रहे हैं, वह नेपाल के वन अधिकारियों से साझा किए हैं। 

इसमें आबादी वाले इलाकों में सोलर फेंसिंग और सुरक्षा दीवार लगाने की सलाह दी गई है। वहीं जिन क्षेत्रों में हाथियों की ज्यादा आवाजाही है, वहां मौन पालन को प्रोत्साहन की सलाह भी दी गई है। क्योंकि हाथी मधुमक्खी से खौफ खाता है।

भारत के हाथी नेपाल के जंगल तक पहुंचते हैं। कुछ समय पहले नेपाल के वन अधिकारियों ने हाथियों के धान और मक्का की फसल बर्बाद करने की बात बताई है। उनका कहना है कि हाथियों का झुंड जब नेपाल की तरफ बढ़े तो इसकी समय से सूचना दे दी जाए, ताकि उनके उत्पात से बचने के लिए जरूरी इंतजाम किए जा सकें।

आरसी कांडपाल, डीएफओ, चम्पावत

कॉर्बेट पार्क के हाथी इन कॉरिडोर से करते हैं यात्रा

1-रिंगोड़ा-बिजरानी कॉरिडोर

2-ढिकुली-गर्जिया कॉरिडोर

3-धनगढ़ी-सुंदरखाल कॉरिडोर

4-दक्षिणी पातलीदून-चिल्किया कॉरिडोर

5-फतेहपुर-गदगदिया कॉरिडोर

6-किलपुरा-खटीमा कॉरिडोर

7-बूम रेंज का कॉरिडोर

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