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आईजी की सूझबूझ से आमने-सामने आने से बचे अखाड़े

11 मार्च को संपन्न हुए शाही स्नान के दिन आईजी कुंभ संजय गुंज्याल की प्लानिंग से अखाड़े आमने-सामने आने से बच...

आईजी की सूझबूझ से आमने-सामने आने से बचे अखाड़े
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारMon, 15 Mar 2021 05:10 PM
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11 मार्च को संपन्न हुए शाही स्नान के दिन आईजी कुंभ संजय गुंज्याल की प्लानिंग से अखाड़े आमने-सामने आने से बच गए।

दरअसल हरिद्वार में प्रत्येक कुंभ के दौरान शाही स्नानों में अखाड़ों के स्नान करने की एक व्यवस्था निश्चित रहती है, अखाड़ों को आमने-सामने नहीं आने दिया जाता है। वर्ष 1998 में हरिद्वार में निरंजनी अखाड़े के हजारों नागाओं को स्नान में देरी हो गई थी। तब अपनी बारी का इंतजार कर रहे जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के तमाम नागा बिफर उठे और हरकी पैड़ी पर संघर्ष हो गया था।

इस वर्ष 11 मार्च को संपन्न हुए स्नान में इसी तरह का हादसा होने से बच गया। जब किन्नर अखाड़ा अपनी छावनी से देर से निकला और देर से ही स्नान कर वापस लौटा। वहीं, निरंजनी और आनंद अखाड़े के संत तुलसी चौक पहुंच गए थे। आईजी संजय गुंज्याल ने टकराव को टालने का एक बेहतरीन उपाय सुझाया और तुलसी चौक पर संतों को रोकर पुष्प वर्षा करने का प्लान बनाया। संतों को बताया कि तुलसी चौक पर ही पुष्प वर्षा के लिए चयन किया गया है। इस पर संत रुके और पायलट से बात कर आईजी ने पुष्प वर्षा के लिए हेलीकॉप्टर मंगवाया। लेकिन काफी देर तक पुष्प वर्षा नहीं की गई। जब पुलिस को मैसेज मिला कि किन्नर अखाड़ा स्नान कर वापस छावनी में पहुंच गया है, उसके बाद पुष्प वर्षा कर निरंजनी अखाड़े के संतों को हरकी पैड़ी भेजा गया। जिससे अखाड़े आमने-सामने आने से बच गए।

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