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Hindi News उत्तराखंड हरिद्वारराम मंदिर का विरोध कर रहे कुछ पार्टियों के कार्यकर्ता: मोहन भागवत

राम मंदिर का विरोध कर रहे कुछ पार्टियों के कार्यकर्ता: मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि अयोध्या में राममंदिर बनाने का कुछ राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता अंदर खाने विरोध कर रहे हैं, लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रहे...

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि अयोध्या में राममंदिर बनाने का कुछ राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता अंदर खाने विरोध कर रहे हैं, लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रहे...
1/ 2आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि अयोध्या में राममंदिर बनाने का कुछ राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता अंदर खाने विरोध कर रहे हैं, लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रहे...
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि अयोध्या में राममंदिर बनाने का कुछ राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता अंदर खाने विरोध कर रहे हैं, लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रहे...
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हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारMon, 01 Oct 2018 11:08 PM
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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि अयोध्या में राममंदिर बनाने का कुछ राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता अंदर खाने विरोध कर रहे हैं, लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। क्योंकि वह हिन्दू हैं। उन्होंने संतों को कहा कि वे किसी भी राजनीतिक पार्टी को वोट करने को नहीं बोल रहे हैं, बल्कि चुनाव में नोटा का प्रयोग न करने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी को अपने मत का प्रयोग करना चाहिए। यह बात उन्होंने पतंजलि में साधु स्वाध्याय समागम के समापन अवसर पर कही। सोमवार सुबह पतंजलि फेस दो में आयोजित साधु स्वाध्याय समागम कार्यक्रम में भागवत ने शिरकत की। कार्यक्रम में उपस्थित संतों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नोटा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उससे सामने वाले पार्टी का पक्ष मजबूत होगा। कहा कि देश की करोड़ों जनता का मन है कि आयोध्या में राममंदिर बने। हिंदुओं की आस्था है कि राम जी का मंदिर वहीं बनना चाहिए। कहा कि जो बातें समाज अपने हाथों में लेकर करता है, वो बातें रुकती नहीं पूरी होती हैं। कहा कि सुख के लिए बाहर की दौड़ मत लगाओ, सुख अपने अंदर है। साधु का काम समाज को जोड़ने से होता है। पहले गांव, जिला, प्रान्त, देश को जोड़ें और फिर सारा देश दुनिया को जोड़ेगा।भागवत ने कहा कि 300 वर्षों से ईसाई मिशनरियों द्वारा गुपचुप तरीके से हमारे देश में काम किया जा रहा है। परंतु धर्म बदलकर ईसाई नहीं बनते बल्कि देशद्रोही बनते हैं। हमने थोड़ा सा कर दिया तो हाय-हल्ला हो गया। उन्होंने पद पर बैठे एक नेता की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आदमी बहुत सज्जन है, आज हमें दिखता है कि अपेक्षा तो बहुत थी, लेकिन हुआ थोड़ा।मोहन भागवत ने कहा कि सब अच्छे व्यक्ति हमारे हैं। हमारा धर्म हमें सिखाता है कि धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो। कहा कि हमारा धर्म ही मिलजुल कर रहना सिखाता है। शासन-प्रशासन कानून बना सकते हैं, बदल भी सकते हैं लेकिन समाज तो केवल धर्म से ही चलता है। समाज में ऋषियों, साधुओं की एक बड़ी भूमिका पहले भी थी और आज भी है और सदा रहेगी। उन्होंने कहा कि विवेकानंद ने कहा था कि सनातन धर्म से देश का उत्थान हो। इसी से ही भारत के व्यक्तियों का उत्थान होगा।पतंजलि का वारिश संन्यासी ही होगा : रामदेव बाबा रामदेव ने कहा कि प्रत्येक साधु को अपने आप को इतना काबिल बनाना है कि किसी भी अमीर और वजीर के जरूरत न पड़े। अगले वर्ष होने वाले साधु स्वाध्याय समागम का आयोजन फिर से पतंजलि में ही होगा। उन्होंने प्रत्येक साधु को अपने साथ अधिक से अधिक मात्रा में साधु लेकर आने को कहा। उन्होंने कहा कि पंतजलि का वारिश एक संन्यासी ही होगा। कार्य्रकम में शरद ढोले, राजेन्द्र प्रशाद, संबित सोमगिरि, हरिहरानंद, गोविंद गिरी, ज्ञानानंद , परमात्मानंद आदि उपस्थित रहे।

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