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स्वास्थ्य के संकल्प का दिन है धन्वन्तरि जयन्ती: आचार्य बालकृष्ण

सोमवार को धन्वन्तरि जयन्ती के शुभ अवसर पर पतंजलि योगपीठ में यज्ञ का आयोजन किया...

स्वास्थ्य के संकल्प का दिन है धन्वन्तरि जयन्ती: आचार्य बालकृष्ण
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारMon, 05 Nov 2018 10:01 PM
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सोमवार को धन्वन्तरि जयन्ती के शुभ अवसर पर पतंजलि योगपीठ में यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सर्वाधिक प्राचीन चिकित्सा पद्धति के रूप में आयुर्वेद विश्व को भारत की अनमोल देन है। पतंजलि योगपीठ ने आयुर्वेद को पुनः उसकी प्रतिष्ठा दिलाई है। पतंजलि द्वारा आयुर्वेद की प्राचीन पाण्डुलिपियों का संरक्षण किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही हमारी परम्परा में प्रथम सुख निरोगी काया कहा गया है। स्वास्थ्य से विहीन जीवन, जीवन नहीं कहा जा सकता। आचार्य ने कहा कि हम सरलता से विमुख होकर भयावह जटिलता की तरफ बढ़ रहे हैं। हमें आयुर्वेद सम्मत स्वस्थ, सुगम व सरल जीवन शैली को अपनाना ही होगा। आज हमें आयुर्वेद को जानने के साथ-साथ जीवन में उतारने का संकल्प लेना है। हम मानवता के लिए कुछ कर सकें, इसके लिए अपना सामर्थ्य बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता का कोई भी शार्टकट नहीं है। जीवन में गुणों के लिए निरन्तर प्रयास करो। इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. महावीर ने कहा कि आयुर्वेद जीवन पद्धति है। आज हमारी अधिकतम बीमारियां गलत जीवन पद्धति का ही परिणाम हैं। आचार्य विजयपाल प्रचेता ने आयुर्वेद की विविध शाखाओं एवं चिकित्सा विधाओं का परिचय दिया। यज्ञ में पतंजलि आयुर्वेद महावद्यिालय के प्राचार्य डॉ. डीएन शर्मा, पतंजलि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. विनोद बंसल, डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, परमार्थ देव, डॉ. दयाशंकर आदि शामिल थे।

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