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केआरएल के प्लांट में रोजाना बन रही है दस टन खाद

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केआरएल के प्लांट में रोजाना बन रही है दस टन खाद
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारFri, 19 Oct 2018 07:00 PM
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केआरएल कंपनी के अधिकारियों ने दावा किया कि कंपनी के कंपोस्ट प्लांट में खाद बनाने का काम शुरू कर दिया है। प्लांट में रोजाना दस टन कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। बीते गुरुवार को एनजीटी की नोर्थ जोन की अध्यक्ष राजवंत संधू ने केआरएल के कंपोस्ट प्लांट का निरीक्षण किया था। वर्ष 2009 में का नगर निगम ने ज्वालापुर के सराय में कंपोस्ट प्लांट बनाने की कवायद शुरू की थी। 2012 में नगर निगम और सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट कंपनी केआरएल के बीच 15 वर्षों का एमओयू साइन हुआ था। पर निर्माण में देर और उसके बाद लापरवाही के चलते प्लांट चालू नहीं हो पाया था। पर अब नौ साल बाद केआरएल प्लांट में कंपोस्ट बनाने का काम शुरू हो गया है। प्लांट के प्रबंधक प्रशांत कौशिक ने बताया कि कंपोस्ट प्लांट दो शिफ्टों में चलाया जा रहा है। प्लांट में रोजाना दस टन कंपोस्ट बनाया जा रहा है। फिलहाल कूड़े की छंटाई के लिए आठ सेंटर बनाए गए हैं। पर जल्द ही डोर टू डोर लेवल पर कूड़े गीले और सूखा कूड़ा अलग करने के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। पहले यह व्यवस्था कुछ वार्डों में शुरू की जाएगी। वहीं एनजीटी की अध्यक्ष के निर्देशानुसार प्लांट के आसपास ग्रीन बेल्ट को विकसित किया जाएगा। 000प्लांट को विकसित करने में खर्च होंगे तीन करोड़प्लांट के प्रबंधक प्रशांत कौशिक ने बताया कि नगर निगम में वार्डों की संख्या भी बढ़ गई है। वहीं प्लांट को अभी और विकसित करने की जरूरत है। एमओयू साइन करते समय प्लांट निर्माण के लिए 16 करोड़ 24 लाख की डीपीआर शासन को भेजी गई थी। पर अब यह लागत बढ़कर 19 करोड़ 33 लाख हो गई है। नगर निगम ने प्लांट के विस्तारीकरण को लेकर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत प्लांट की डीपीआर केंद्र सरकार को भेजी है। 000केआरएल पर कई बार हुई जुर्माने की कार्रवाईकेआरएल के अधिकारी प्लांट शुरू हाने की बात कह रहे हैं। पर प्लांट के नियमित संचालन के साथ कंपनी को कूड़े के एकत्रीकरण से जुड़ी व्यवस्थाओं में भी सुधार लाना होगा। समय पर कूड़ा नहीं उठने पर कंपनी पर जिलाधिकारी और नगर निगम के अधिकारी कई बार जुर्माने की कार्रवाई कर चुके हैं।

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