पतंजलि संसथान के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने शुक्रवार को कहा कि ऋषि कार्य और कृषि कार्य से ही देश में समृद्धि और आत्मनिर्भरता लाई जा सकती है। उन्होंने कहा सभी को लघु और घरेलू उद्योगों को स्थापित कर उद्यमिता विकास और स्वावलंबन को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने पारंपरिक, जैविक और प्राकृतिक कृषि को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
उन्होंने पतंजलि योगपीठ तथा पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से योगहार: एक स्वैछिक कार्यक्रम के 1तीन साल पूरे होने पर आयोजित दो दिवसीय योगहार प्रशिक्षण शिविर के समापन पर यह बातें कही। समृद्ध ग्राम पतंजलि ट्रेनिंग सेंटर की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में 8 राज्यों के 200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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