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यज्ञमय जीवन बनाने की दिशा में काम करें : पण्ड्या

गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र साधना के साथ यज्ञमय जीवन बनाने की दिशा में काम करने से ही मनुष्य जीवन सार्थक होगा। यज्ञ-दान, संगतीकरण और देवपूजन का संयुक्त रूप है। वे...

यज्ञमय जीवन बनाने की दिशा में काम करें : पण्ड्या
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारThu, 03 Oct 2019 04:55 PM
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गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र साधना के साथ यज्ञमय जीवन बनाने की दिशा में काम करने से ही मनुष्य जीवन सार्थक होगा। यज्ञ-दान, संगतीकरण और देवपूजन का संयुक्त रूप है। वे गुरुवार को गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में नवरात्र साधना करने आये साधकों को संबोधित कर रहे थे। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि गायत्री सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी और यज्ञ सत्कर्मों का पिता है। सद्भावनाओं एवं सत्प्रवृत्ति के विकास के लिए गायत्री माता और यज्ञ पिता का युग्म हर दृष्टि से सफल एवं समर्थ है। इसको ध्यान में रखते हुए देश भर में गृहे-गृहे यज्ञ व गृहे-गृहे गायत्री उपासना का क्रम प्रारंभ किया गया है।

पिछड़ों-बिछड़ों को सकारात्मक दिशा दें

डॉ. पण्ड्या ने कहा कि जो वस्तु यज्ञ की अग्नि के संपर्क में आती है। उसे अग्नि देवता अपने में समाहित करके अपने समान ही बना लेते हैं। उसी प्रकार जो पिछड़े या बिछड़े व्यक्ति अपने संपर्क में आएं, उन्हें सकारात्मक दिशा में ले जाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से जप करो, स्वाध्याय करो और निःस्वार्थ भाव से सेवा करो। विभिन्न श्लोकों का उल्लेख करते हुए डॉ. पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र साधना के साथ यज्ञ का विशेष महत्व है। इन दिनों जप के साथ मनोयोगपूर्वक यज्ञ करना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. पण्ड्या ने श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित वांगमय ‘गायत्री साधना का गुह्य विवचेन का उड़िया संस्करण का विमोचन किया।

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