ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड हरिद्वारमां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्या

मां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्या

मां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्यामां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्या हरिद्वार। हमारे संवाददाता गायत्री परिवार...

मां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्यामां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्या
हरिद्वार। हमारे संवाददाता
गायत्री परिवार...
1/ 2मां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्यामां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्या हरिद्वार। हमारे संवाददाता गायत्री परिवार...
मां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्यामां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्या
हरिद्वार। हमारे संवाददाता
गायत्री परिवार...
2/ 2मां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्यामां की साधना से आता है विचारों में सकारात्मक बदलाव- डा. पण्ड्या हरिद्वार। हमारे संवाददाता गायत्री परिवार...
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारFri, 12 Apr 2019 10:59 PM
ऐप पर पढ़ें

गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि यह परिवर्तन की वेला है। नवरात्र के इन दिनों में देवी मां की आराधना से विचारों में सकारात्मक बदलाव आता है। वे नवरात्र साधना के सातवें दिन शांतिकुंज के मुख्य सभागार में आयोजित सत्संग को संबोधित कर रहे थे।

डॉ. पण्ड्या ने कहा कि मनोयोगपूर्वक की गई नवरात्र साधना से साधक के जीवन में भगवत्सत्ता अवतरित होने लगती है। अर्थात् भगवान साधक के जीवन को ऊर्ध्वगामी बनाने के अनेक रास्ते खोलते हैं। परिवर्तन की इस वेला में ईश्वरीय सत्ता अनुदान-बरसाते हैं। साथ ही मनोयोगपूर्वक साधनारत साधकों में वैचारिक परिवर्तन भी करते हैं। उनमें रजोगुण व तमोगुण में सामंजस्य बिठाते हुए सतोगुणों की वृद्धि करते हैं।

डॉ. पण्ड्या ने कहा कि मन व विचारों में पनप रहे कुविचारों को दूर करने के लिए गायत्री महामंत्र की साधना के साथ श्रेष्ठ साहित्य का नियमित अध्ययन आवश्यक है। कहा कि हमारे वेद, पुराण, स्मृति, आरण्यक आदि जैसै पौराणिक भारतीय ग्रंथों के माध्यम से विश्वभर में भारतवर्ष वैचारिक दृष्टि से सबसे ऊपर हैं। युग परिवर्तन का पहला लक्षण है कि समाज में सकारात्मक, सुधारात्मक सोच वालों का संगठन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।

इससे पहले संगीत विभाग के भाइयों ने सुगम संगीत प्रस्तुत कर उपस्थित साधकों को उल्लसित कर दिया। मंच संचालन नमोनारायण पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर व्यवस्थापक शिवप्रसाद मिश्र सहित अमेरिका, यूक्रेन से सैकड़ों साधक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें