ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड हरिद्वारमेटाबोलिक सिंड्रोम पर योग चिकित्सा का प्रभाव विषय पर कार्यशाला आयोजित

मेटाबोलिक सिंड्रोम पर योग चिकित्सा का प्रभाव विषय पर कार्यशाला आयोजित

पतंजलि विश्वविद्यालय तथा योग, षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में ‘मेटाबोलिक सिंड्रोम पर योग चिकित्सा का प्रभाव विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का...

पतंजलि विश्वविद्यालय तथा योग, षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में ‘मेटाबोलिक सिंड्रोम पर योग चिकित्सा का प्रभाव विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का...
1/ 2पतंजलि विश्वविद्यालय तथा योग, षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में ‘मेटाबोलिक सिंड्रोम पर योग चिकित्सा का प्रभाव विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का...
पतंजलि विश्वविद्यालय तथा योग, षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में ‘मेटाबोलिक सिंड्रोम पर योग चिकित्सा का प्रभाव विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का...
2/ 2पतंजलि विश्वविद्यालय तथा योग, षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में ‘मेटाबोलिक सिंड्रोम पर योग चिकित्सा का प्रभाव विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का...
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारFri, 15 Mar 2019 10:45 PM
ऐप पर पढ़ें

पतंजलि विश्वविद्यालय तथा योग, षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में ‘मेटाबोलिक सिंड्रोम पर योग चिकित्सा का प्रभाव विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसके तहत विश्व में भयावह रूप ले चुके रोग मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा कॉलेस्ट्राल पर विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि बाबा रामदेव के प्रयासों से आज संपूर्ण विश्व में योग के प्रति एक वातावरण बन चुका है। सर्वप्रथम हमने पूरी प्रामाणिकता से कहा था कि योग की उत्पत्ति हमारे ऋषियों के तप, पुरुषार्थ व अनुसंधान से ही हुई है। उन्होंने कहा कि योग की कोई सीमा नहीं, वह असीम है। आज विविध संस्थानों, विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में इससे इतर अतिरेक ओर भी अनेक जगह योग को लेकर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। आचार्य ने कहा कि योग एक सम्पूर्ण विज्ञान है। पूरी दुनिया में मत-पंथ-संप्रदाय के नाम पर जो सांस्कृतिक प्रदूषण है, उसे यदि हम साफ कर सकते हैं, तो वह केवल योग के द्वारा ही संभव है।

मुख्य अतिथि प्रो. ईश्वर भारद्वाज ने कहा कि जहां आज चारों ओर लोग विभिन्न साध्य-असाध्य बीमारियों से घिरे हैं, पतंजलि ही एकमात्र ऐसी संस्था है जो पतंजलि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से आयुर्वेद में क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल कर रही है। प्रो. भारद्वाज ने कहा कि योग जीवन में आत्मसात करने से इन रोगों से निश्चित ही मुक्ति पाई जा सकती है। जब तक हम योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग नहीं बनायेंगे तब तक हमारा सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सा विज्ञान के रहस्य को सभी छात्र-छात्राओं से अवगत कराना है। डॉ. प्रकाश मालसे ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से योग पर व्यापक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय सिंह ने किया। चन्द्रमोहन मिश्रा ने भजन श्रृंखला प्रस्तुत कर सभी आगन्तुकों का मन मोह लिया।

इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक ललित मोहन, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डीएन शर्मा, डॉ. वीके कटियार, डॉ. विनोद बंसल, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के उपाध्यक्ष डॉ. दयाशंकर, षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र के विभागाध्यक्ष डॉ. सचिन त्यागी आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें