कोई भी सरकार महिलाओं के उत्थान के प्रति गंभीर नहीं
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी समिति की महिला प्रकोष्ठ ने भीमगोड़ा में विचार गोष्ठी की। कहा कि आज भी महिलाओं की स्थिति जस की तस है। महिलाओं के उत्थान और अधिकारों के प्रति कोई...
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी समिति की महिला प्रकोष्ठ ने भीमगोड़ा में विचार गोष्ठी की। कहा कि आज भी महिलाओं की स्थिति जस की तस है। महिलाओं के उत्थान और अधिकारों के प्रति कोई भी सरकार गंभीर नहीं हैं।
शुक्रवार को महिलाओं ने देश की आजादी के पश्चात महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की। अध्यक्ष मधु नौटियाल ने कहा कि भले ही देश की महिलाएं अपनी काबिलियत और हुनर से आगे बढ़कर मुकाम हासिल किए हो, लेकिन किसी भी सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। सरकारें बिना कुछ करे ही महिलाओं के उत्थान का झूठा दंभ भर रही हैं। जिलाध्यक्ष मंजू लोहिनी ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की महिलाएं आज भी कई किलोमीटर से सिर और कंधों पर पानी और पशुओं के लिए घास ढोने को मजबूर हैं। जबकि मैदानी महिलाओं ने चेन स्नेचिंग, बलात्कार और अपहरण की घटनाओं के डर से घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है। इस दौरान सरोज ममगाई, सुमन चौहान, कमला पुरोहित , सरोज पुरोहित, विमला कंडारी, जयंती ध्यानी, सुमित्रा कुकसाल, शैला कैंतूरा, शैला कलूडा, मुंशी चौहान, कमला पांडेय, विमला नौटियाल, लीला मिश्रा आदि उपस्थित रही।