ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड हरिद्वारमां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की पूजा के साथ नवरात्र प्रारंभ

मां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की पूजा के साथ नवरात्र प्रारंभ

मां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के साथ शारदीय नवरात्र का बुधवार को शुभारंभ हो गया। इस अवसर पर धर्मनगरी के मठ-मंदिरों में प्रात:काल घट स्थापना के साथ मां नव दुर्गा के प्रथम रूप शैल पुत्री...

मां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की पूजा के साथ नवरात्र प्रारंभ
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारWed, 10 Oct 2018 11:23 PM
ऐप पर पढ़ें

मां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के साथ शारदीय नवरात्र का बुधवार को शुभारंभ हो गया। इस अवसर पर धर्मनगरी के मठ-मंदिरों में प्रात:काल घट स्थापना के साथ मां नव दुर्गा के प्रथम रूप शैल पुत्री और दूसरे ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की गई। बुधवार को प्रात:काल से ही धर्मनगरी के विभिन्न मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और माहौल मां दुर्गा के जयकारों से गूंज उठा।शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन एक साथ दो नवरात्र होने पर भगवान गणेश के पूजन के साथ दोनों देवियों की पूजा शुरू हुई। इससे पहले भक्तों ने मां दुर्गा के सुमिरन के साथ घट स्थापना शुरू की और मां के भक्त गंगा तट पहुंचकर कलशों में गंगाजल भरकर लाए। मां दुर्गा के आह्वान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ घर के देव स्थल पर मिट्टी से खेत्री (मां का दरबार) बनाई। इसमें जौ बोए गए और फिर कलशों में गंगाजल के साथ कुशा, अक्षत, रौली, चांदी का सिक्का आदि रखा गया। तत्पश्चात कलश के शीर्ष भाग पर रक्तवर्णी वस्त्र में लपेट कर श्रीफल विराजा गया। इसके बाद गणेश पूजन व नव ग्रह पूजन कर स्थान देवता और कुल देवताओं का आह्वान कर मां दुर्गा का पूजन हुआ। मां दुर्गा की स्तुति और आह्वान के साथ कलशों को खेत्री के ऊपर प्रतिष्ठित किया। इस तरह से मठ-मंदिर से लेकर घर-घर घट स्थापना हुई। इसके बाद भक्तों ने मां दुर्गा का व्रत रखकर मां के दरबार में माथा टेका और चुनरी आदि प्रसाद मां के दरबार में चढ़ाया। नवरात्रों के शुरू होने के साथ ही मनसा देवी, चंडी देवी, माया देवी, सुरेश्वरी देवी, शीतला देवी समेत अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। पहले दिन सबसे अधिक मनसा देवी और मायादेवी में भक्तों की भीड़ दिखाई दी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें