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निजी डॉक्टर और बीमा कंपनी पर तीन लाख से ज्यादा का हर्जाना

जिला उपभोक्ता फोरम ने निजी डॉक्टर सुशील नागर और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया...

निजी डॉक्टर और बीमा कंपनी पर तीन लाख से ज्यादा का हर्जाना
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारThu, 06 Jun 2019 11:43 PM
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जिला उपभोक्ता फोरम ने निजी डॉक्टर सुशील नागर और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया है। फोरम ने शिकायतकर्ता को इलाज धनराशि के रूप में 3,47,844 रुपये मुआवजा और शिकायत शुल्क के रूप में 25 हजार की राशि शिकायतकर्ता को एक माह की अवधि में देने के आदेश दिए हैं।शिकायतकर्ता योगेश कुमार पुत्र दुलचा सिंह निवासी ग्राम तैयबपुर बढ़ा, देवबंद, सहारनपुर, यूपी ने डॉ. सुशील नागर, सक्षम अस्पताल रुड़की और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड दिल्ली के खिलाफ लिखित शिकायत फोरम में दी थी। शिकायत में बताया था कि शिकायतकर्ता ने चिकित्सक से बाएं हाथ की हड्डी टूटने पर इलाज करवाया था। चिकित्सक ने शिकायतकर्ता को ऑपरेशन के बाद हाथ पूरी तरह से ठीक होने का आश्वासन दिया था। चिकित्सक ने ऑपरेशन फीस के रूप में 25 हजार रुपये लिए थे। इसके अलावा भी इलाज पर और खर्च आया था। चिकित्सक ने ऑपरेशन के दौरान हाथ में रॉड डाली थी। ऑपरेशन के करीब एक माह के बाद हाथ में रॉड निकलवाने के लिए बुलाया गया था। जब शिकायतकर्ता हाथ से रॉड निकलवाने के लिए गया तो चिकित्सक ने सूजन होने की बात कहकर हाथ पूरी तरह से ठीक न होने की बात कही। चिकित्सक ने उसे फिजियोथैरेपी की सलाह दी थी, लेकिन इसके बाद भी शिकायतकर्ता का हाथ ठीक नहीं हुआ। शिकायतकर्ता ने दूसरे अस्पताल में डिजिटल एक्सरे कराया तो दूसरे चिकित्सक ने पहले ऑपरेशन में हाथ की हड्डी ठीक नहीं जुड़ने और गलत ऑपरेशन की बात कही। सरकारी अस्पताल रुड़की ने भी उसे पीजीआई चंडीगढ़ में हाथ का इलाज कराने की सलाह दी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने मुजफ्फरनगर के निजी अस्पताल में हाथ का दोबारा ऑपरेशन कराया था। साथ ही शिकायतकर्ता ने डॉ. सुशील नागर से संपर्क करने का प्रयास किया था, लेकिन चिकित्सक ने उसका फोन रिसीव नहीं किया था। शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से इलाज राशि अदा करने की बाबत नोटिस भेजा था। थक हारकर शिकायतकर्ता ने फोरम की शरण ली थी। उक्त शिकायत की सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा और विपिन कुमार ने डॉ. सुशील नागर और बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवाओं में कमी का दोषी ठहराते हुए शिकायतकर्ता को इलाज राशि 3,47,844 और वाद खर्च के रूप में 25 हजार रुपये देने के आदेश दिए। साथ ही, शिकायत के पक्षकार शिकायत दाखिल करने से लेकर वर्तमान तक उक्त धनराशि पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज लेने का अधिकारी होगा। बता दें कि डॉ. नागर का अस्पताल युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड दिल्ली से बीमित है, इसलिए शिकायतकर्ता ने कंपनी को भी पार्टी बनाया है।

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