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सुख समृद्धि और शांति के लिए हरिद्वार में हुआ सामूहिक हवन

मंगलमय परिवार हरिद्वार की ओर से फाल्गुन पूर्णिमा (होली) पर्व पर परिवारों की सुख, समृद्धि एवं शान्ति हेतु सामूहिक हवन कार्यक्रम का आयोजन श्रीरामकथा वाचक संत विजय कौशल महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण,...

मंगलमय परिवार हरिद्वार की ओर से फाल्गुन पूर्णिमा (होली) पर्व पर परिवारों की सुख, समृद्धि एवं शान्ति हेतु सामूहिक हवन कार्यक्रम का आयोजन श्रीरामकथा वाचक संत विजय कौशल महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण,...
1/ 2मंगलमय परिवार हरिद्वार की ओर से फाल्गुन पूर्णिमा (होली) पर्व पर परिवारों की सुख, समृद्धि एवं शान्ति हेतु सामूहिक हवन कार्यक्रम का आयोजन श्रीरामकथा वाचक संत विजय कौशल महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण,...
मंगलमय परिवार हरिद्वार की ओर से फाल्गुन पूर्णिमा (होली) पर्व पर परिवारों की सुख, समृद्धि एवं शान्ति हेतु सामूहिक हवन कार्यक्रम का आयोजन श्रीरामकथा वाचक संत विजय कौशल महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण,...
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हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारMon, 09 Mar 2020 11:14 PM
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मंगलमय परिवार हरिद्वार की ओर से फाल्गुन पूर्णिमा (होली) पर्व पर परिवारों की सुख, समृद्धि एवं शान्ति हेतु सामूहिक हवन कार्यक्रम का आयोजन श्रीरामकथा वाचक संत विजय कौशल महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण, महामंत्री पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के पावन सांनिध्य में स्थानीय गौतम फार्म में किया।

संत विजय कौशल ने बताया कि पूर्णिमा और अमावस्या को एक छोटा सा हवन करना चाहिए। भारतीय संस्कृति यज्ञ की संस्कृति है, इस हवन का पूजा या कर्मकांड से कोई संबंध नहीं है, इससे शायद आपको स्वर्ग भी नहीं मिलेगा लेकिन इसको करने से घर स्वर्ग जैसा हो जाएगा ऐसा मेरा विश्वास है और अनुभव भी।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जैसे शरीर में नाभि केन्द्र का महत्व है उसी प्रकार संसार में मनुष्य के जीवन में यज्ञ का स्थान है इसलिए इस केन्द्र में सभी को आना पडे़गा। कहा कि वेदों में गायत्री मंत्र को महामंत्र और यज्ञ को श्रेष्ठतम कर्म कहा कहा गया है इसलिए यज्ञ की परम्परा को जीवित रखना चाहिए।

महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति यज्ञ के बिना अधूरी है क्योंकि हमारे यहां हर प्रकार के कर्म में यज्ञ करने का विधान बताया गया है।

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