कर्म सिद्धांत को अपने जीवन में आत्मसात करें-संजय गुलाटी
कर्म सिद्धांत को अपने जीवन में आत्मसात करें-संजय गुलाटीहर्षोल्लास से मनाया गया विश्वकर्मा दिवस हरिद्वार। संवाददाता हस्तशिल्प, उद्योग, अभियांत्रिकी...

हस्तशिल्प, उद्योग, अभियांत्रिकी तथा वास्तु के आराध्य भगवान विश्वकर्मा का जयंती दिवस शुक्रवार बीएचईएल हरिद्वार में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस उपलक्ष्य में बीएचईएल की दोनों इकाइयों हीप तथा सीएफएफपी में श्री विश्वकर्मा पूजन का आयोजन किया गया। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने दोनों ही इकाइयों के पूजा स्थलों का भ्रमण किया तथा अनुष्ठान में प्रतिभागिता की।
कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए संजय गुलाटी ने कहा कि विश्वकर्मा पूजन हमें सुख, शांति एवं सृजन की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें सिखाता है कि निष्काम भाव से किया गया कर्म ही संसार की सबसे पवित्र पूजा है। गुलाटी ने कहा कि कर्म, सिद्धान्त को अपने जीवन में आत्मसात करके हम हर तरह की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इन पूजा कार्यक्रमों में सामाजिक दूरी एवं अन्य सभी सुरक्षा नियमों का गंभीरता से पालन किया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक प्रभारी सीएफएफपी वीके रायजादा सहित अनेक महाप्रबंधगण, वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी तथा यूनियन पदाधिकारी शामिल हुए।
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दुनिया के पहले इंजीनियर थे भगवान विश्वकर्मा: प्रो. धमीजा
एसडीआईएमटी में भगवान विश्वकर्मा की पूजा
हरिद्वार। स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैंनेजमेंट एंड टैक्नोलॉजी (एसडीआईएमटी) में विश्वकर्मा पूजा संस्थान के महानिदेशक प्रो. एससी धमीजा, प्रधानाचार्य अशोक कुमार गौतम, अर्पित गुप्ता, अनुराग गुप्ता द्वारा की गई।
संस्थान के महानिदेशक प्रो. एससी धमीजा ने बताया कि भगवान विश्वकर्मा दुनिया के पहले इंजीनियर और वास्तुकार हैं, उन्हें ब्रह्माजी ने धरती पर उत्पन्न किया था। उन्होंने ही देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था। भगवान विश्वकर्मा के पूजन-अर्चन किए बिना कोई भी तकनीकी कार्य शुभ नहीं माना जाता। इसी कारण विभिन्न कार्यों में प्रयुक्त होने वाले औजारों, कल-कारखानों में लगी मशीनों की पूजा की जाती है। इस अवसर डायरेक्टर अंकुश ओहरी, संस्थान की डीन एकेडमिक जयलक्ष्मी, शुभम कुमार, गौरव कुमार, पंकज कुमार, रितिका कौशिक, वर्षा ममगांई, अमान उल्लाह, शोभित चौहान, धरणीधर वाग्ले, ज्योति राजपूत समेत अन्य शिक्षकगण पूजा में शामिल हुए।
