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साइबर खतरों से बचने को निजता और डाटा सुरक्षा जरूरी

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वाल के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनयरिंग विभाग में साइबर सिक्योरिटी विषय पर व्याख्यान का...

साइबर खतरों से बचने को निजता और डाटा सुरक्षा जरूरी
हिन्दुस्तान टीम,श्रीनगरThu, 03 Nov 2022 04:30 PM
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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वाल के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनयरिंग विभाग में साइबर सिक्योरिटी विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने छात्रों को व्यक्तिगत निजता और डाटा सुरक्षा के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम के शुभारंभ पर संस्थान के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने डिजिटलाइज़ेशन और साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानकारी दी। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान ने तकनीक को स्वास्थ्य, शिक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा व परिवहन जैसे क्षेत्रो में अधिक सुलभ बनाया है। वर्तमान समय में देश का सामान्य नागरिक भी अपने दैनिक जीवन में गूगल पे, पेटीएम और इसी तरह के अन्य पेमेंट गेटवे का उपयोग कर रहा है। आईआईटी गोवा के डिपार्टमेंट ऑफ़ मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटर साइंसेज के विजिटिंग प्रोफेसर रवि मित्तल ने साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध पर चर्चा करते हुए कहा कि साइबर खतरा एक दुर्भावनापूर्ण कार्य है। जो डेटा को नुकसान पहुंचाता है, डेटा चुराता है, या सामान्य रूप से डिजिटल जीवन को बाधित करता है।

साइबर खतरों में कंप्यूटर वायरस व डेटा उल्लंघन आदि शामिल हैं। उन्होंने कुछ सामान्य साइबर खतरों के बारे में बताया जो समय पर नियंत्रित नहीं होने पर समस्याग्रस्त हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि मैलवेयर, फि़शिंग, मैन इन द मिडल अटैक जैसे खतरे क्या हैं, और एक मजबूत पासवर्ड बनाए रखने के लिए विभिन्न विकल्प क्या हो सकते है। उन्होंने छात्रों को साइबर सुरक्षा में मौजूदा रुझानों और आवश्यक कौशल के तरीकों की जानकारी दी। मौके पर प्रभारी कुलसचिव डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी, डॉ हरिहरन मुथुसामी, डॉ. जीएस बरार, डॉ. कमल कुमार आदि मौजूद रहे।

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