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हरिद्वार जिपं अध्यक्ष : भाजपा के खिलाफ विपक्ष हुआ एक

हरिद्वार के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा के खिलाफ अन्य राजनीतिक दल एक मंच पर आ गए...

हरिद्वार के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा के खिलाफ अन्य राजनीतिक दल एक मंच पर आ गए...
1/ 2हरिद्वार के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा के खिलाफ अन्य राजनीतिक दल एक मंच पर आ गए...
हरिद्वार के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा के खिलाफ अन्य राजनीतिक दल एक मंच पर आ गए...
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हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारFri, 13 Dec 2019 12:08 AM
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हरिद्वार के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा के खिलाफ अन्य राजनीतिक दल एक मंच पर आ गए हैं। भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से दूर रखने के लिए निर्दलीय और अन्य जिला पंचायत सदस्यों ने अंदरखाने रणनीति तैयार कर ली है। विपक्ष की रणनीति अगर कामयाब रही तो हरिद्वार और रुड़की नगर निगम चुनाव में मेयर की तरह जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से भी भाजपा को हाथ धोना पड़ सकता है। हालांकि भाजपा मजबूती से चुनाव मैदान में है।

16 दिसंबर को होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर नामांकन हो चुके हैं। शुक्रवार को नाम वापसी के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। गुरुवार को भाजपा से जिला पंचायत सदस्य सुभाष वर्मा ने अपना नामांकन दाखिल किया है। सुभाष के साथ भाजपा नेता सुबोध राकेश, मयंक गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य शशि और प्रदीप चौधरी रहे। जबकि सुभाष वर्मा के खिलाफ बसपा और कांग्रेस एक मंच पर आ गए हैं। अंदर खाने कांग्रेस ने बसपा को समर्थन देने के साथ ही 28 जिला पंचायत सदस्यों का ग्रुप बना लिया है। बुधवार रात इस ग्रुप के सदस्यों ने बैठक कर रणनीति तैयार कर ली है। अब तक यह सदस्य एक साथ नजर आ रहे हैं। बसपा नेता मीनाक्षी ने भी गुरुवार को नामांकन किया है। उनके नामांकन में कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य विजयपाल और नूर हसन साथ रहे। जबकि निर्दलीय के रूप में वीरेंद्र राणा और नीलू ने अपना नामांकन दाखिल किया है। इनमें से शुक्रवार को दो सदस्य नाम वापसी कर सकते हैं। बुधवार रात हुई बैठक में पहले ही तय हो गया है कि किसको नाम वापसी करनी है। निर्दलीय नामांकन करने वाले वीरेंद्र राणा के साथ कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य बालेश देवी और निर्दलीय विमला शामिल रहीं। जबकि नीलू के साथ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अंजुम बेग और सलमी बेगम साथ रहीं। अंजुम बेग बसपा के टिकट पर ही जिला पंचायत सदस्य बनी थीं। हालांकि कुछ समय बाद उनके देवर और पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को बसपा से निष्कासित कर दिया गया था। निर्दलीय सदस्यों के साथ कांग्रेस और बसपा के सदस्यों का नामांकन में शामिल होना भाजपा के खिलाफ रणनीति की ओर इशारा करता है।पंचायत की राजनीति के दिग्गज माने जाने वाले नेता भी एक मंच पर आ गए हैं। यही कारण है कि कांग्रेस ने नौ जिला पंचायत सदस्य होने के बावजूद अपने किसी सदस्य को मैदान में नहीं उतारा है। अंदरखाने एक बैठक भी बुला ली गई है। जिसको अभी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। इस 28 के ग्रुप में कई निर्दलीय जिपं सदस्य शामिल हैं। उधर कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य विजयपाल ने बताया कि एक ग्रुप बनाया गया है। जिसमें लगभग 28 से अधिक सदस्य शामिल हैं। कई और सदस्य हमारे साथ आ रहे हैं। बसपा और कांग्रेस एक होकर चुनाव लड़ रही है।

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