यूनियनों का ‘अड्डा बना रोडवेज बस अड्डा
रोडवेज बस अड्डा धीरे-धीरे यूनियनों का ‘अड्डा बनता जा रहा है। प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी यूनियनों के चार कार्यालय पहले से बस अड्डा परिसर में संचालित हो रहे हैं। जबकि एक अन्य यूनियन के लिए भी परिसर...
रोडवेज बस अड्डा धीरे-धीरे यूनियनों का ‘अड्डा बनता जा रहा है। प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी यूनियनों के चार कार्यालय पहले से बस अड्डा परिसर में संचालित हो रहे हैं। जबकि एक अन्य यूनियन के लिए भी परिसर में भवन बनाया जा रहा है।
धर्मनगरी में साल भर यात्रियों की भारी आवाजाही रहती है। लेकिन उस लिहाज से रोडवेज बस अड्डा परिसर बहुत छोटा है। बस अड्डे से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न रूटों के लिए दिनभर में 600 बसों में 20-25 हजार यात्री आवागमन करते हैं। यात्रा सीजन में बस अड्डा परिसर में पांव रखने की जगह नहीं बचती और कई बार बाहर सड़क पर बसों की लंबी कतार लग जाती है। कई साल पहले परिसर के एक हिस्से में टैक्सी यूनियन का कार्यालय बनने के चलते पहले से तंग परिसर और ज्यादा छोटा हो गया था। इसके बाद रोडवेज कर्मचारियों की यूनियनों को भवन दिए गए। कर्मचारी संयुक्त परिषद को एक कार्यालय भी दिया गया है। कर्मचारी मजदूर संघ नाम से दूसरी यूनियन को भी भवन उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा भी यूनियन कार्यालय के लिए भवन बनाए गए हैं। अब रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के लिए एक बड़े भवन का निर्माण किया जा रहा है। इससे परिसर और ज्यादा तंग हो जाएगा।