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उत्तराखंड के किसानों को मुफ्त दी जाए बिजली

हरिद्वार में मंगलवार को किसानों का चिंतन शिविर सूक्ष्म रूप से गंगा किनारे हवन-पूजन के बाद शुरू हुआ। किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार पर तमाम सवाल खड़े करते हुए आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार...

उत्तराखंड के किसानों को मुफ्त दी जाए बिजली
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारTue, 16 Jun 2020 10:59 PM
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हरिद्वार में मंगलवार को किसानों का चिंतन शिविर सूक्ष्म रूप से गंगा किनारे हवन-पूजन के बाद शुरू हुआ। किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार पर तमाम सवाल खड़े करते हुए आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। किसान नेताओं ने कहा कि बिजली के निजीकरण का पूरे देश में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) विरोध करेगी। साथ ही उत्तराखंड के किसानों को बिजली मुफ्त देने की मांग की गई। इससे पहले किसान नेताओं ने बाबा महेंद्र सिंह टिकैत को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए याद किया।

कोरोना संकट के चलते भारतीय किसान यूनियन का महाकुंभ रद होने के बाद मंगलवार को सूक्ष्म रूप में चिंतन शिविर वीआईपी घाट पर शुरू हुआ। हरिद्वार के किसान नेताओं ने गंगा किनारे बैठक से पहले हवन कर अपने आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। किसानों ने गंगा स्नान कर भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही अपने आंदोलन को लेकर किसान नेताओं से बातचीत की।

जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने कहा कि सरकार को तत्काल किसानों का गन्ना भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश के नाम से जाना जाता है। देश के कई हिस्सों में उत्तराखंड से पैदा हुई बिजली जा रही है। मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली दी जाए। कहा कि विदेश की तर्ज पर नगद सब्सिडी किसानों को दी जाए। केंद्र सरकार को कौसते हुए उन्होंने कहा कि 100 करोड़ का पैकेज किसानों के लिए धोखा है। कहा कि किसानों को लोन नहीं बल्कि फसलों का मुआवजा चाहिए। लोन लेकर किसानों की आर्थिक स्थिति डगमगा रही है। इस मौके पर किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव सीके सिंह, नगर अध्यक्ष अभिषेक शर्मा, अजय प्रधान, अश्वनी प्रधान, अंकुर चौधरी, आशीष धीमान मौजूद रहे।

वीआईपी घाट पर ही रुकेंगे किसान

अब तीन दिन किसान नेता वीआईपी घाट पर ही रुकेंगे। प्रदेश की सीमा सील होने के कारण बाहरी राज्यों के किसान नेता हरिद्वार नहीं आ पाएंगे। मंगलवार, बुधवार को वीआईपी घाट में हरिद्वार के किसान नेता रात गुजारेंगे, गुरुवार को अपना ज्ञापन सौंपकर आंदोलन की घोषणा करेंगे।

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