दैवीय शक्तियों से समाज में आती है समरसता
श्री दक्षिण काली पीठ के स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा है कि दैवीय शक्तियों से समाज में समरसता आती है। व्यक्ति अहंकार त्यागकर पुरूषार्थ की ओर अग्रसर हो जाता है। शक्ति की आराधना व्यक्ति की...
श्री दक्षिण काली पीठ के स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा है कि दैवीय शक्तियों से समाज में समरसता आती है। व्यक्ति अहंकार त्यागकर पुरूषार्थ की ओर अग्रसर हो जाता है। शक्ति की आराधना व्यक्ति की आत्मशक्ति को प्रबल करती है।मंदिर में बाबा कामराज जयंती पर आयोजित विशेष आरती में भक्तों को आशीर्वचन देते हुए उन्होंने कहा कि इस पीठ पर काली मंदिर कोलकाता के महंत रामकृष्ण परमहंस के गुरु तोतापुरी, तारापीठ के वामखेपा और पीतांबरा पीठ के दतिया स्वामी ने तप किया था। इसी पीठ से बाबा ने आल्हा और उसकी पत्नी मछला को अमर किया था। संतों और भक्तों ने आरती में शामिल होकर विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान स्वामी अनंतानंद, स्वामी कपिलमुनि, सत्यव्रतानंद सरस्वती, स्वामी कमलस्वरूप आदि उपस्थित रहे।