मेट्रो हॉस्पिटल और डॉक्टर पर दस लाख का हर्जाना
जिला उपभोक्ता फोरम ने मेट्रो हॉस्पिटल और उसके डॉक्टर मलय नन्दी को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया है। फोरम ने इलाज की धनराशि, मुआवजा राशि दस लाख रुपये और शिकायत शुल्क और अधिवक्ता फीस के रूप में दस...
जिला उपभोक्ता फोरम ने मेट्रो हॉस्पिटल और उसके डॉक्टर मलय नन्दी को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया है। फोरम ने इलाज की धनराशि, मुआवजा राशि दस लाख रुपये और शिकायत शुल्क और अधिवक्ता फीस के रूप में दस हजार रुपये शिकायतकर्ता को एक माह की अवधि में देने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता राजेन्द्र सिंह राठी पुत्र स्व सुखबीर सिंह निवासी गंगा नगर मेरठ, हाल निवासी हरिद्वार ने मेट्रो हॉस्पिटल एंड केशर इंस्टीट्यूट प्रीत विहार दिल्ली, अस्पताल के डॉ मलय नन्दी और मेट्रो हॉस्पिटल सिडकुल के खिलाफ लिखित शिकायत फोरम में दी थी। शिकायत में बताया था कि वह एक सेवानिवृत्त सेशन जज हैं। वर्तमान में हरिद्वार में रह रहे हैं। शिकायतकर्ता ने मेट्रो हॉस्पिटल दिल्ली में भर्ती रहकर डॉ. मलय नन्दी से करीब आठ माह तक इलाज कराया था। इलाज में शिकायतकर्ता के पचास हजार रुपये खर्च हुए थे। जब शिकायतकर्ता अपने चिकित्सा प्रमाण पत्रों को हस्ताक्षरित कराने हॉस्पिटल गए तो डॉ. मलय नन्दी और हॉस्पिटल प्रबंधन ने मना कर दिया था, जिस कारण शिकायतकर्ता रिटायर्ड जज को मानसिक आघात पहुंचा था। शिकायतकर्ता के डॉ. मलय नन्दी और अस्पताल प्रबंधन से कई बार आग्रह करने पर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। थक हारकर शिकायतकर्ता ने फोरम की शरण ली थी। उक्त शिकायत की सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा और विपिन कुमार ने डॉ. मलय नन्दी और मेट्रो अस्पताल को उपभोक्ता सेवाओं में कमी का दोषी ठहराते हुए शिकायतकर्ता को इलाज की राशि और मुआवजा राशि दस लाख रुपये व वाद खर्च व अधिवक्ता फीस के रूप में दस हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं। साथ ही, शिकायत के पक्षकार शिकायत दाखिल करने से लेकर वर्तमान तक उक्त धनराशि पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज लेने का अधिकारी होगा।