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एनआरसी, सीएए व ईवीएम के विरोध में किया प्रदर्शन

. बहुजन क्रांति मोर्च ने एनआरसी, सीएए व ईवीएम के विरोध में राष्ट्रव्यापी भारत बंद के तहत राष्ट्रपति को ज्ञापन...

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बहुजन क्रांति मोर्च ने एनआरसी, सीएए व ईवीएम के विरोध में राष्ट्रव्यापी भारत बंद के तहत राष्ट्रपति को ज्ञापन...
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बहुजन क्रांति मोर्च ने एनआरसी, सीएए व ईवीएम के विरोध में राष्ट्रव्यापी भारत बंद के तहत राष्ट्रपति को ज्ञापन...
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हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारWed, 29 Jan 2020 08:00 PM
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बहुजन क्रांति मोर्च ने एनआरसी, सीएए व ईवीएम के विरोध में राष्ट्रव्यापी भारत बंद के तहत राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। बुधवार को विरोध प्रदर्शन करने के बाद तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। इससे पहले तहसील परिसर में आयोजित सभा में मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह व बहुजम मुक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि जो लोग एससी, एसटी व ओबीसी के विरोधी है वह हिंदू नहीं हो सकते। ईवीएम घोटाले की सरकार काला कानून लाकर और दबाने का प्रयास कर रही है। डीएनए के आधार पर मोर्चा नागरिकता का समर्थन करता है। बहुजन क्रांति मोर्च के प्रदेश अध्यक्ष भान पाल सिंह ने कहा कि बाबासाहिब ने राष्ट्रपति को संविधान सौंपते हुए कहा था कि संविधान कितना ही अच्चा क्यों न हो। उसे मानने वालों की अगर नीयत खराब हुई तो संविधान खराब साबित होगा। आज बाबा साहिब की बात सच साबित हो रही है। देश के संविधान का विरोध करने वाला व्यक्ति कभी भी देशभक्त नहीं हो सकता है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए हर कूर्बानी देने को करोड़ों लोग तैयार हैं। आंदोलन का सूत्रपात हो गया है अगर सरकार अब भी न संभली तो उसे सत्ता छोड़ने को तैयार रहना होगा। प्रदर्शन करने वालों में ललिता रानी, रूप चंद, सुनील कुमार, नरेश प्रधान, नसीर अहमद, प्रवेज, जौनी अंबेडकर, आनंद, ओमप्रकाश, अंकुश कुमार, इमरान, अतुल कुमार, ओमपल, संजीव बाबा, पुरुषोत्तम, तीर्थ पाल रवि, भावना चंदो, रेशमा, तारावती, जाहिद खान, पुष्पा देवी, जमील, सत्तार आदि शामिल थे। ये रही मांगेंएनआरसी सूची से निकाले गये लोगों को वापिस लिया जाये, संविधान के अनुच्छेद 14,15 व 21 का हनन करने वाले कानून को रद किया जाये, एनआरसी और सीएए के तहत नागरिकता का अधिकार देते समय डीएनए कार्ड जोड़ना चाहिए। एनआरसी और सीएए के विरोध में आंदोलन करने वाले लोगों पर दर्ज केस वापिस लिए जाये। पूना एक्ट की शर्तों का अमल करते हुए राजनीतिक आरक्षण समाप्त कर राजनीतिक आरक्षण की समीक्षा की जाये।

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