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सोमेश्वर में ग्रामीणों ने चार घंटे अस्पताल में ताला लगाकर किया प्रदर्शन

राजकीय अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोमेश्वर में शुक्रवार रात्रि प्रसव के बाद शैल गांव की 22 वर्षीय रेनू भाकुनी की मौत हो गई थी। मामले में अस्पताल पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए शैल और...

सोमेश्वर में ग्रामीणों ने चार घंटे अस्पताल में ताला लगाकर किया प्रदर्शन
हमारे संवाददाता,सोमेश्वर (अल्मोड़ा)। Mon, 24 Sep 2018 04:32 PM
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राजकीय अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोमेश्वर में शुक्रवार रात्रि प्रसव के बाद शैल गांव की 22 वर्षीय रेनू भाकुनी की मौत हो गई थी। मामले में अस्पताल पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए शैल और रेनू के मायके बिजोरिया गांव के सैकड़ों महिलाओं, छात्राओं और ग्रामीणों ने सोमवार को पुलिस थाना और स्वास्थ्य केंद्र में धरना प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने रेनू की मौत के लिए जिम्मेदार अस्पताल कर्मियों को तत्काल निलंबित करने, अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर तैनात करने और सरकारी आपातकालीन 108 एंबुलेन्स उपलब्ध कराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने 4 घंटे तक अस्पताल में ताला लगाकर खूब हंगामा काटा।
ग्रामीणों ने पहले पुलिस थाने में जाकर प्रभारी निरीक्षक एसएचओ संजय गर्ब्याल को रेनू के जेठ नीरज भाकुनी की ओर से जिलाधिकारी के नाम शिकायती पत्र सौंपा। इसमें मामले की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग की। मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश पर जांच के लिए पहुंचे प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुनीता ह्यांकी और डिप्टी सीएमओ डॉ. योगेश पुरोहित को ग्रामीणों के रोष का सामना करना पड़ा। दोनों अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देने और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीण तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर घंटों तक वहां जमे रहे।  

विभाग पर लगाया कागजों में हेरफेर का आरोप
ग्रामीण बाहर हंगामा काटते रहे और जांच अधिकारी अंदर कागजी जांच करते रहे। ग्रामीणों को जब पता चला कि जिस डॉक्टर ने 21 सितंबर को दिन में रेनू को देखा वह और बाकी दो डॉक्टर 21 और 22 सितंबर को रजिस्टर में अनुपस्थित थे। ग्रामीणों ने हाजिरी रजिस्टर की फ़ोटो भी ली। आरोप लगाया कि विभाग दोषियों को बचाने के लिए कागजी हेराफेरी में जुट गया है। उपस्थित डॉक्टर को अनुपस्थित दिखाए जाने की बात सुनते ही ग्रामीण और भड़क गए। चेतावनी दी कि यदि जल्द निलंबन सहित कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण सड़कों पर उतरेंगे। ग्रामीणों ने सीएमओ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि अस्पताल के सारे डॉक्टरों को 2 दिन तक छुट्टी स्वीकृत कर अस्पताल को डॉक्टर विहीन करने वाले अधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। ग्रामीणों ने 3 दिन में दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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