पिथौरागढ़ में खतरे के निशान से एक मीटर नीचे बह रही है काली नदी
जिले के सीमांत हिस्सों में बारिश का कहर जारी है। सीमांत को जोड़ने वाली कई सड़कें बंद हो गई हैं। इसके अलावा लगातार हो रही बारिश से काली और गोरी नदियां भी उफान पर आ गई हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान...
जिले के सीमांत हिस्सों में बारिश का कहर जारी है। सीमांत को जोड़ने वाली कई सड़कें बंद हो गई हैं। इसके अलावा लगातार हो रही बारिश से काली और गोरी नदियां भी उफान पर आ गई हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान से महज एक मीटर नीचे बह रही हैं।
शुक्रवार को जिला मुख्यालय समेत आसपास के इलाकों में लोगों को पिछले दो दिनों से राहत मिली हुई थी। दोपहर बाद एकाएक मूसलाधार बारिश शुरू होने से लोगों को एक बार फिर मुसीबतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा मुनस्यारी और धारचूला में लगातार हो रही आफत की बारिश के कारण लोगों का जीवन पटरी पर नहीं आ पा रहा है। लगातार बारिश के कारण सड़कों पर मलबा गिरना जारी है। इसके कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं। थल मुनस्यारी मोटर मार्ग रतिगाड़ और बनिक के पास कई घंटे बंद रहा। इसके कारण लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ीं। यात्रियों को खुद ही सड़क से मलबा उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबा हटाया जा सका। मुनस्यारी के तल्ला जोहार में बोल्डर आने से सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इसके कारण इस मार्ग से आवाजाही करना लोगों के लिए खतरनाक हो गया है। मुनस्यारी के बनिक के पास सोमवार सुबह मलबा आ गया, लेकिन मौके पर मौजूद जेसीबी का टायर पंचर होने से घंटों आवाजाही बंद रही। शुक्रवार सुबह तक धारचूला में सबसे ज्यादा 48.4 एमएम और मुनस्यारी में 16 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके कारण लोगों को मुसीबतें झेलनी पड़ीं।