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ज्योतिष विज्ञान में भी पर्यावरण संरक्षण की विधाओं का उल्लेख

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के ज्योतिष विभाग और नमामि गंगे परियोजना की ओर से ‘प्राच्‍य विद्या और पर्यावरण विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार कराया...

ज्योतिष विज्ञान में भी पर्यावरण संरक्षण की विधाओं का उल्लेख
हिन्दुस्तान टीम,हल्द्वानीFri, 17 Sep 2021 04:50 PM
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उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के ज्योतिष विभाग और नमामि गंगे परियोजना की ओर से ‘प्राच्‍य विद्या और पर्यावरण विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार कराया गया। इसमें यूपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान, उड़ीसा, तमिलनाडु, दिल्ली, एमपी समेत 15 राज्यों के 200 प्रतिभागी शामिल हुए। अध्यक्षता करते हुए यूओयू के कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने कहा कि प्राच्य विद्याओं का आधार लेकर पर्यावरण संरक्षण कैसे किया जाए, इस पर चिंतन करने और व्यवहार में लाने की जरूरत है। कहा कि ज्योतिष विज्ञान में भी पर्यावरण संरक्षण की अनेक विधाओं का उल्लेख प्राप्त होता है।

उद्घाटन सत्र में मुख्‍य अतिथि छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविवद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि भारतीय संस्‍कृति में स्‍थावर-जंगम-जड़-चेतन आदि सृष्टि की समस्‍त कोटियों से संबंधित सभी इकाइयों को स्‍थान एवं काल के अनुसार उचित सम्‍मान देने की व्‍यवस्‍था है। पर्यावरण संरक्षण को मानव जीवन में व्‍यावहारिक रूप में अपनाना होगा। विशिष्‍ट अतिथि बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रामचंद्र पांडेय ने कहा कि ‘गंगा शब्‍द पर्यावरण का सूचक है। हमारी प्राच्‍य संस्‍कृति ने जो जीवन पद्धति दी है, इसमें भूमि को माता तथा सभी जीव-जंतु एवं वनस्‍पतियों में प्राणी ही नहीं, बल्कि देवत्‍व का भाव भी प्रदर्शित किया है। कार्यक्रम समन्‍वयक एवं ज्‍योतिष विभागाध्‍यक्ष डॉ. नंदन कुमार तिवारी ने कहा कि प्राच्‍य विद्या भारतवर्ष की अमूल्‍य और विपुल संपदा है, जो इस देश की संस्‍कृति को अभिवृद्धि प्रदान करती है। तकनीकी सत्र की अध्‍यक्षता करते हुए उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रो. देवीप्रसाद त्रिपाठी ने ज्‍योतिष शास्‍त्र को समस्‍त विज्ञान का मूल बताया। कहा कि पूर्वानुमान करने वाला प्रथम शास्‍त्र ज्‍योतिष शास्‍त्र ही है। इस मौके पर प्रो. श्‍याम देव मिश्र, प्रो. विनय कुमार पांडेय, प्रो. भारत भूषण मिश्र, मानविकी विद्या शाखा के निदेशक प्रो. एचपी शुक्‍ल, कुलसचिव प्रो. एचएस नयाल, प्रभाकर पुरोहित, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. अखिलेश सिंह, राजेश आर्या, विनीत पौडियाल आदि मौजूद रहे।

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