पीलीकोठी रामलीला में अंगद-रावण संवाद ने दर्शकों को बांधा
हल्द्वानी में श्री रामलीला कमेटी द्वारा विभिन्न मंचनों का आयोजन किया गया। अंगद-रावण संवाद और लक्ष्मण शक्ति प्रसंग की लीला में ओम पांडे और जितेंद्र प्रसाद ने शानदार अभिनय किया। हनुमान जी ने लंका दहन...

हल्द्वानी। श्री रामलीला कमेटी पीलीकोठी में बुधवार को अंगद-रावण संवाद और लक्ष्मण शक्ति प्रसंग की भावपूर्ण लीला का मंचन किया गया। लक्ष्मण के पात्र ओम पांडे और रावण के पात्र जितेंद्र प्रसाद ने शानदार अभिनय किया। अंगद के पात्र राजेंद्र भैसोड़ा ने ‘न लबारे सठ वार न लबार सठ... चौपाई पर पैर जमाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हनुमान के पात्र गौरव जोशी ने भी ‘चलो वैद्या चलो जल्दी... चौपाई का प्रभावशाली मंचन किया। मेघनाद का किरदार विशंभर कांडपाल ने निभाया। गुरुवार को कुंभकरण वध, मेघनाद वध और सुलोचना सती का मंचन होगा। इस अवसर पर पार्षद मुकेश बिष्ट, हरेंद्र बिष्ट, निर्देशक हरीश कंनवाल, एडवोकेट उमेश चंद्र जोशी, उपाध्यक्ष प्रेम बिष्ट, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र बिष्ट, मनोज उपाध्याय, हेमंत नेगी, नवल किशोर उपाध्याय, मोहन चंद मेलकानी, हिमांशु जोशी, पान सिंह रौतेला मौजूद रहे।
काठगोदाम में हनुमान जी ने किया लंका दहन हल्द्वानी। श्री रामलीला कमेटी काठगोदाम में बुधवार को हनुमान के पराक्रम की लीला का मंचन किया गया। पूर्व दर्जा मंत्री ललित जोशी और कांग्रेस नेता खजान पांडे ने दीप प्रज्ज्वलित कर मंचन का शुभारंभ किया। जामवंत के कहने पर हनुमान ने समुद्र पार कर लंका में माता सीता को श्रीराम की मुद्रिका दी। सीता की आज्ञा पाकर हनुमान ने अशोक वाटिका उजाड़ दी और रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध किया। इसके बाद मेघनाद हनुमान को ब्रह्मास्त्र में बांधकर रावण के दरबार में ले गया। रावण के आदेश पर जब सैनिकों ने हनुमान की पूंछ में आग लगाई, तो उन्होंने विशाल रूप धरकर पूरी लंका को जलाकर राख कर दिया। इस भव्य मंचन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान संतोष राणा, कुंदन बिष्ट, संजय बिष्ट, हिमांशु नैनवाल, जगत सिंह जग्गू, भुवन तिवारी, प्रदीप बिष्ट, रोहित मालीवाल, टिक्कू, राजू रावत, भीम बिष्ट मौजूद रहे। हनुमान जी ने जलाई सोने की लंका हल्द्वानी। श्री रामलीला कमेटी लामाचौड़ में बुधवार को लंका दहन का मंचन किया गया। मंचन के दौरान, हनुमान जी जब माता सीता का संदेश लेकर रावण के दरबार में पहुंचे, तो रावण ने उनकी पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया। आग लगते ही हनुमान जी ने अपने विशाल रूप में पूरी सोने की लंका में कूद-कूदकर आग लगा दी। हनुमान के जयकारों के बीच जलती हुई लंका का दृश्य बेहद जीवंत और आकर्षक रहा, जिसने दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा। लंका दहन का यह मंचन बुराई पर अच्छाई की शुरुआती जीत के रूप में देखा गया, जिसके बाद दर्शक राम और हनुमान के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। इस दौरान कमेटी अध्यक्ष नवल सती, महाप्रबंधक जमन सिंह निगल्टिया, सचिव गोपाल दत्त पडलिया, चेतन जोशी व देव बिष्ट समेत कई लोग मौजूद रहे।
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