केमू बस संचालकों की हड़ताल पर सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स लिमिटेड व अन्य प्राइवेट बसों की हड़ताल के खिलाफ दायर जनहित याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि पिछले 10 दिन से चल रही हड़ताल पर शासन...
हाईकोर्ट ने कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स लिमिटेड व अन्य प्राइवेट बसों की हड़ताल के खिलाफ दायर जनहित याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि पिछले 10 दिन से चल रही हड़ताल पर शासन स्तर पर क्या कदम उठाए गए हैं। जवाब के लिए आज यानि मंगलवार तक का समय दिया है। न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।
नैनीताल जिले के गैबुआ रामनगर निवासी नीरज तिवारी ने इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि उत्तराखंड में केएमओयू, कुमाऊं आदर्श मोटर समिति व जीएमओयू की लगभग दो हजार बसों का रोजमर्रा संचालन होता है, लेकिन पिछले 10 दिनों से बस संचालकों ने हड़ताल कर रखी है। इससे प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरकार के स्तर से इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। अभी तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। अधिकतर पहाड़ी व दुर्गम इलाको में आम लोगों के साथ ही स्कूल आने-जाने में बच्चों को भी परेशानी हो रही हैं। हड़ताल को ध्यान में रखते हुए आम जनता को यातायात सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार व शासन स्तर पर कोई वैकल्पिक सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है। संयुक्त खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लिया है और सरकार से कल यानि मंगलवार तक इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी तलब की है। सुनवाई मंगलवार को होगी।