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भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त पीए को मेयर ने किया निलंबित

तहबाजारी शुल्क की रसीद के नाम पर नामांतरण शुल्क की रकम हजम करने वाले अपने पीए को मेयर डॉ.जोगेंद्र रौतेला ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने नगर आयुक्त चंद्र सिंह मर्तोलिया को जांच के...

भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त पीए को मेयर ने किया निलंबित
हिन्दुस्तान टीम,हल्द्वानीMon, 19 Feb 2018 01:45 PM
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तहबाजारी शुल्क की रसीद के नाम पर नामांतरण शुल्क की रकम हजम करने वाले अपने पीए को मेयर डॉ.जोगेंद्र रौतेला ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने नगर आयुक्त चंद्र सिंह मर्तोलिया को जांच के साथ रिकवरी करने और दोषी के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस पूरे मामले ने नगर निगम में खलबलि मचा कर रख दी है।

पीए ने विनोद जोशी को ऐसे विश्वास में लिया:

टैक्स कलेक्टर विनोद जोशी की पत्नी ने बताया कि उन्हें ध्यान है कि मेयर का पीए गणेश कुमार सितंबर 2017 के शुरुआत में एक दिन सुबह 9 बजे के आसपास उनके घर पर आया। मेयर का नाम लेकर उसने रसीद बुक मांगी और तीन रसीदों के बदले तहबाजारी शुल्क के रूप में 75 रुपये भी उनके पति को दिए। गुलाबी रंग की डुप्लीकेट रसीदें वह साथ लेकर गया। गणेश ने जोशी के घर पर चाय भी पी। ताकि जोशी को विश्वास में लिया जा सके।

गुलाबी रंग की पर्ची से खुली पीए की पोल:

पीए गणेश कुमार मेयर के नाम का सहारा लेकर टैक्स कलेक्टर विनोद जोशी से रसीद बुक लेने में तो कामयाब रहे, लेकिन आनन फानन में ये भूल गए कि ऑरिजनल रसीद में 25 रुपये का शुल्क जमा किया गया है, जबकि डुप्लीकेट रसीद के बहाने उन्होंने दुकानदार से 63 हजार रुपये ले लिए। उन्हें मालूम नहीं था कि भविष्य में जांच होने पर दोनों रसीदें उनके गले की फांस बन जाएगी।

जोशी को ईमानदारी की मिसाल मानते हैं निगम कर्मचारी:

विनोद जोशी नगर निगम में करीब 27 साल से तैनात हैं। खुद सहायक प्रभारी नगर आयुक्त विजेंद्र चौहान का कहना है कि इतने लंबे कार्यकाल में जोशी ने किसी को खुद पर उंगली उठाने का मौका नहीं दिया। वह बोले कि एक ईमानदार कर्मचारी को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए।

गणेश कुमार ने मेयर के सामने भूल स्वीकार की:

विनोद जोशी की पत्नी ने बताया कि वह घटना की जानकारी मिलते ही दिल्ली से हल्द्वानी पहुंची और शनिवार को कॉलोनी के एक गणमान्य व्यक्ति को साथ लेकर मेयर के घर पर पहुंचे। वहां मेयर ने पीए गणेश कुमार को घर पर बुलाया, जहां उसने अपनी भूल स्वीकार भी कर ली। इस पर मेयर डॉ.जोगेंद्र रौतेला ने गणेश को ये शब्द कहे कि मेरी नजरों से इसी वक्त दूर हो जाओ। इसके बाद से गणेश के कार्यालय आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

नौकरी और आवास भी जा सकता है:

जांच पूरी होने के बाद पीए गणेश कुमार को नगर निगम की ओर से मिले आवास से भी हाथ धोना पड़ सकता है। कांग्रेस पार्षद मौ.गुफरान और महेंद्र नागर

बोर्ड बैठक में बहुद्देशीय भवन में पीए के आवास को लेकर आवाज भी उठा चुके हैं। वहीं उपनल से तैनात पीए को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

पहले भी हो चुकी इस तरह की घटना:

मौजूदा समय में कर अधीक्षक मार्केटिंग, कार्यालय प्रभारी व सहायक प्रभारी नगर आयुक्त विजेंद्र चौहान को भी पॉलीथिन की धर पकड़ के मामले में फंसाया गया था। उनपर छापेमारी अभियान में जब्त की गई पॉलीथिन व्यापारियों को बेचने का आरोप लगा था। लेकिन जांच में निर्दोष पाए जाने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। एक उच्चाधिकारी ने इस पूरे प्रकरण में फंसाया था।

मेयर बोले:

हल्द्वानी नगर निगम के मेयर डॉ जोगेंदर सिंह रौतेला ने कहा कि मैंने अपने पूरे कार्यकाल में ईमानदारी से काम किया है। भ्रष्टाचार किसी रूप में बर्दाश्त नहीं होगा। जिस दिन मामला मेरे संज्ञान में आया, उसी दिन मैंने अपने पीए के कार्यालय आने पर प्रतिबंध लगा दिया था, ताकि जांच प्रभावित ना हो। ऐसे मामलों में अपना पराया नहीं देखा जाएगा। नगर आयुक्त स्वयं पूरे मामले की जांच करेंगे और नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

इन बिंदुओं की चल रही जांच:

नामांतरण शुल्क की एक रसीद प्रमोद कुमार पुत्र गोपाल दत्त के नाम से काटी गई है, जबकि दो अन्य रसीदें यशोदा देवी के नाम से काटी गई हैं। प्रमोद कुमार से कुल 63 हजार रुपये लिए गए थे, जिसमें अब 25 हजार निगम के खाते में जमा करने की भी चर्चाएं हो रही हैं। बाकी दो गुलाबी रंग की रसीदों से कितने का लेनदेन हुआ, इसकी जांच टीम सोमवार को मौके पर जाकर करेगी।

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