हल्द्वानी के पब्लिक स्कूलों के सामने शिक्षा अधिकारी नतमस्तक
मासूमों के उत्पीड़न के बढ़ते मामलों के बीच हल्द्वानी के निजी स्कूलों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। खुद शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इन पब्लिक स्कूलों के सामने नतमस्तक रहते हैं। सीबीएसई मानकों का पालन...
मासूमों के उत्पीड़न के बढ़ते मामलों के बीच हल्द्वानी के निजी स्कूलों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। खुद शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इन पब्लिक स्कूलों के सामने नतमस्तक रहते हैं। सीबीएसई मानकों का पालन करने का दावा करने वाले इन स्कूलों का निरीक्षण तो दूर, शिक्षा विभाग के अधिकारी इनसे प्रगति रिपोर्ट लेने की भी जहमत नहीं उठाते।
हल्द्वानी नगर समेत पूरे ब्लाक में करीब 500 छोटे-बड़े पब्लिक स्कूल हैं। इनमें से 56 स्कूल सीबीएसई मान्यता प्राप्त हैं। प्राइवेट स्कूलों को खोलने की एनओसी तो प्रदेश सरकार देती है, लेकिन उसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी इन स्कूलों में झांकने तक नहीं जाते। ऐसे में इन स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीरता बरती जा रही है, यह किसी को अंदाजा तक नहीं होता। दूसरी ओर, सीबीएसई गाइडलाइन की बात करें तो समस्त स्कूल स्टाफ का पुलिस सत्यापन, स्कूल और बसों में सीसीटीवी कैमरे, बसों में महिला सहायिका की अनिवार्यता, बस चालक और परिचालकों की पूरी जानकारी और मोबाइल नंबर स्कूल प्रबंधन के साथ अभिभावकों को भी देना जरूरी है, लेकिन इन पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल केके गुप्ता का कहना है कि एक बार पहले हम केवीएम के साथ ही अन्य पब्लिक स्कूलों का निरीक्षण करा चुके हैं। हो सकता है कि यह आरोपी ड्राइवर-कंडक्टर नये रखे गये हों। लेकिन इस घटना के बाद फिर से विभागीय स्तर पर स्कूलों को पत्र भेजे जा रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी एचके मिश्रा का कहना है कि हल्द्वानी ब्लॉक में 500 से अधिक निजी स्कूल हैं। सीधे तौर पर हमारा इन पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है। इतना जरूर है कि शासन की ओर से जो भी निर्देश आते हैं, उन्हें उन तक पहुंचा दिया जाता है।
वहीं पब्लिक स्कूल एसोसिएशन हल्द्वानी के अध्यक्ष गोपाल बिष्ट का कहना है कि सीबीएसई और राज्य सरकार की ओर से जो भी निर्देश आते हैं हम उसका बखूबी निर्वहन कराने का प्रयास करते हैं। स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डेढ़ साल पहले पब्लिक स्कूल और प्रशासन की संयुक्त बैठक हुई थी। बच्चों की सुरक्षा को लेकर सभी को गंभीर होने की जरूरत है।