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धरोहर बचाने को बिहार से दो हजार किलोमीटर दूर पहुंचे दानू

दुनिया भर में भारत की पहचान बनीं मधुबनी (मिथिला) चित्रकला भले ही अपने देश में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, पर दरभंगा के दानू पंडित और उनकी पत्नी आभा देवी रामायण काल की इस पहचान को जिंदा रखने के लिए...

धरोहर बचाने को बिहार से दो हजार किलोमीटर दूर पहुंचे दानू
दीपक पुरोहित,हल्द्वानीSat, 20 Jan 2018 07:16 PM
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दुनिया भर में भारत की पहचान बनीं मधुबनी (मिथिला) चित्रकला भले ही अपने देश में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, पर दरभंगा के दानू पंडित और उनकी पत्नी आभा देवी रामायण काल की इस पहचान को जिंदा रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। घर से दो हजार किलोमीटर दूरी तय कर यहां पहुंचे दंपत्ति ने सरस मेले में मधुबनी चित्रकला का स्टॉल लगाया है, जो सभी को आर्किषत कर रहा है।

साड़ी, कैनवास पर उकेरी गई चटख रंगों की इस पारंपरिक चित्रकारी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। बिहार के दरभंगा से यहां पहुंची आभा देवी और उनके पति दानू पंडित दोनों ही इस चित्रकारी के अच्छे जानकार हैं। दानू पंडित बताते हैं कि मशीनों के दौर में हाथ का काम महंगा पड़ रहा है। मशीन से काम करेंगे तो इस कला की आत्मा ही खत्म हो जाएगी। हाथ का काम होने से यह काफी महंगा पड़ रहा है। इस कारण डिमांड भी सीमित है। मिथिला चित्रकला पारिवारिक पेशा है, पत्नी भी इस कला में माहिर है। ऐसे ही मेलों में जाकर मंच मिल पाता है।

राम सीता विवाह से जुड़ा इतिहासः

मान्यता है कि मधुबनी (मिथिला) चित्रकला की शुरुआत राम-सीता विवाह के साथ ही शुरू हुई थी। राजा जनक ने सीता विवाह के समय अपने राज्य की महिला कलाकारों से सुंदर चित्र बनवाए थे, जहां से इस कला का उदय हुआ था। यही कारण है कि पूरा मिथिलांचल (बिहार के दरभंगा, मधुबनी एवं नेपाल के कुछ क्षेत्र) इस कला का गढ़ है। चित्रकला की विशेषता राम सीता के चित्र हैं। इसके अलावा हिन्दू देवी-देवताओं और प्राकृतिक नजारे इसका प्रमुख हिस्सा होते हैं।

बढ़ गई चुनौतियां:

-हाथ का काम होने से महंगा हो रहा उत्पाद

-युवा नहीं सीखना चाहते यह चित्रकला

-कच्चे माल की लागत बढ़ गई

12 हजार की एक साड़ीः

पारंपरिक रूप से मिथिलांचल वासी अपने घर की दीवारों पर यह कलाकारी करते थे। पर समय के साथ साड़ी, दुपट्टे, कैनवास और कागज पर भी यह चित्रकला होने लगी है। सिल्क की एक साड़ी की कीमत 12 से 15 हजार तक हो सकती है। उत्पादों के अनुसार कीमत अलग-अलग होती है।

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