नंधौर में टाइगर रिजर्व की मंजूरी पर ग्रामीण सड़क पर उतरे
नंधौर सैंक्चुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के खिलाफ चोरगलिया के ग्रामीण रविवार को सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर गए। सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने सरकार पर उनसे छलावा करने का...
नंधौर सैंक्चुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के खिलाफ चोरगलिया के ग्रामीण रविवार को सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर गए। सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने सरकार पर उनसे छलावा करने का आरोप लगाया। साथ ही चेताया कि सैंक्चुरी को रिजर्व बनाने का फैसला वापस नहीं लेने पर ग्रामीण आंदोलन और तेज कर देंगे।
प्रदेश सरकार ने नंधौर सैंक्चुरी को टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट बनाने के लिए शुक्रवार को वन अफसरों के साथ बैठक में मंजूरी देने के बाद से चोरगलिया के ग्रामीणों में जबर्दस्त आक्रोश है। रविवार को चोरगलिया के ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस के पास सभा की। सभा को नंधौर खनन समिति अध्यक्ष भुवन पोखरिया, ममता जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता दीपक चौसाली, रामलीला कमेटी अध्यक्ष खष्टी दत्त चौसाली, राहुल पानू आदि ने कहा कि जंगलों से ग्रामीणों की अजीविका जुड़ी है। सरकार का नंधौर को टाइगर रिजर्व बनाने का कदम जनविरोधी है। इसके बाद ग्रामीणों ने मुख्य बाजार में उतरकर सड़कों पर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने वन विभाग और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ने टाइगर रिजर्व का फैसला वापस नहीं लिया तो ग्रामीण आंदोलन तेज करेंगे। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रदीप फत्याल,व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीप चन्द्र थुवाल, हरीश बिष्ट, राहुल सिंह पानू, विक्रम सिंह, श्याम सिंह बिष्ट, पीयूष फर्सवान, दीपक परगाईं, देवकी पोखरिया, हेम लता मेहता, लता थुवाल, पार्वती देवी, शांति देवी समते कई ग्रामीण मौजूद रहे।
जन प्रतिनिधियों पर भड़के ग्रामीण
टाइगर रिजर्व के खिलाफ प्रदर्शन में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। महिलाओं का कहना था कि नंधौर सैंक्चुरी बनने के बाद उनका जंगल में आना-जाना प्रतिबंधित होता जा रहा है। इससे उनके पशुपालन और दुग्ध पालन पर सीधे प्रभाव पड़ रहा है। महिलाएं जन प्रतिनिधियों को प्रदर्शन में ना देखकर काफी आक्रोशित नजर आईं।
वन अफसरों का करेंगे घेराव
सोमवार को चोरगलिया के ग्रामीण रिजर्व टाइगर मामले को लेकर हल्द्वानी में वन अधिकारियों का घेराव करेंगे। मामले में चोरगलिया व्यापार मंडल अध्यक्ष दीप चन्द्र थुवाल ने बताया कि मामले को लेकर ग्रामीण कोर्ट की शरण में भी जा सकते हैं।