आइवरमेक्टिन की डोज को लेकर सचते रहें परिजन
चिंता जतायी है। सरकार आइवमेक्टिन की दवा निशुल्क वितरित कर रही है। निशुल्क मिल रही इस दवा का बच्चे अत्यधिक सेवन कर रहे हैं। इसकी वजह बच्चों के...
हल्द्वानी। कार्यालय संवाददाता
कोरोना से निपटने के लिए सरकार द्वारा बांटी जा रही आइवरमेक्टिन की गोलियों के गलत तरीके से खाने के चलते बच्चों की हालत बिगड़ रही है। ऐसे बच्चों को एसटीएच में भर्ती कराया गया है। अब इस पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। साथ ही अब अभिभावकों सचेत रहने की सलाह रहे हैं।
सरकार आइवमेक्टिन की दवा निशुल्क वितरित कर रही है। निशुल्क मिल रही इस दवा का बच्चे सेवन कर रहे हैं। इसकी वजह से बच्चों के परिजनों की लापरवाही है। ओवरडोज के चलते एसटीएच में आइवरमेक्टिन की दवा खाए हुए 2, 4, 6, 8 और 12 साल उम्र के बच्चे पहुंचे, जिनकी हालत ठीक नहीं थी। इसमें तीन नैनीताल दो अल्मोड़ा जिले से हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा में 5 से 6 केस और होने की सूचना है। जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। डॉक्टर इसके पीछे की वजह परिजनों को बच्चों को दवा खिलाने को लेकर सही जानकारी का अभाव बता रहे हैं या फिर बच्चों द्वारा खुद ही यह दवा खाने के चलते यह दिक्कत आ रही है। जबकि दवा बांटते समय दिए जा रहे पर्चे पर 15 साल से ऊपर के लोगों को एक गोली सुबह 1 शाम को तीन दिन व 10 से 15 साल वाले खाना खाने के बाद एक गोली तीन दिन, व 2 से 10 साल के बच्चों को डॉक्टरी सलाह पर ही यह दवा दी जानी है। इसके अलावा गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली महिला व लीवर संबंधी बीमार व 2 साल से छोटे बच्चों को यह दाव नहीं दी जा सकती है।
इन नंबरों पर करें फोन
दवा को लेकर किसी तरह का कन्फ्यूजन होने की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग ने टेलीफोन नंबर जारी किए हैं। लोग 9412080554, व 9412080686 पर संपर्क कर अपनी संकाएं दूर कर सकते हैं।
नैनीताल जिले में 40 लाक दवा बंटेगी
नैनीताल जिले में स्वास्थ्य विभाग ने 40 लाख दवा बांटने का लक्ष्य रखा है। 50 प्रतिशत दवा सरकार ने भिजवा दी है शेष दवा जिला स्तर पर खरीदी जानी है। अभी तक 73 हजार से ज्यादा दवा बांट दी गई है।
-एसटीएच पहुंचे बच्चों का आइवरमेक्टिन दवा की गलत मात्रा में डोज लेने के चलते स्वास्थ्य बिगड़ा है। परिजनों को बच्चों को यह दवा देने पर काफी सचेत रहने की जरूरत है। किसी भी तरह का कोई कन्फ्यूजन हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
-डॉ. नूतन सिंह, एचओडी, बाल रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज