विधायकों के बाद अब पार्टियां भी खरीदने लगी है भाजपा: रावत
पूर्व सीएम रावत मंगलवार को हल्द्वानी पहुंचे। यहां सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल विपक्षमुक्त देश बनाने की कल्पना कर रहा है, जो संसदीय लोकतंत्र के लिए घातक है। बिहार...
पूर्व सीएम रावत मंगलवार को हल्द्वानी पहुंचे। यहां सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल विपक्षमुक्त देश बनाने की कल्पना कर रहा है, जो संसदीय लोकतंत्र के लिए घातक है। बिहार में सीएम नितीश कुमार को अपने पाले में मिलाना इसका उदाहरण है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि मौजूदा राजनीतिक हालात में कांग्रेस की चुनौतियां जरूरी बढ़ी हैं, लेकिन पार्टी के अस्तित्व पर संकट की बात नहीं है। रावत ने कहा कि कांग्रेस वर्ष 1977 और 89 के संकट से उबरकर आगे आई थी, उसी तरह 2019 और 2022 में आगे बढ़ेगी। प्रदेश सरकार के उद्यान और कृषि विभाग के एकीकरण की कोशिश पर सवाल उठाते हुए रावत ने कहा कि यह बागवानी के ध्वंस की तरह है। कहा कि निजी रूप से वह इसका कड़ा विरोध करते हैं, जरूरत हुई तो पार्टी फोरम में यह मसला रखकर आंदोलन करेंगे। उत्तराखंड में 20 हजार नौकरियों को फ्रीज करने को उन्होंने युवाओं पर कुठाराघात बताया। आरोप लगाया कि सरकार इन पदों को चोर दरवाजे से भरना चाहती है। कन्याधन योजना और राशन में कटौती पर रावत ने सरकार को गरीब, बुजुर्ग, महिलाविरोधी बताया। इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, महानगर अध्यक्ष राहुल छिमवाल, खजान पांडे, पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी, नारायण पाल, हरीश मेहता आदि मौजूद रहे। किसानों की खुदकुशी पर सरकार उदासीन पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि राज्य में लगातार किसान कर्ज के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन गंभीर मामले पर सरकार जरा भी गंभीर नहीं है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि किसी भी किसान ने सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है, लिहाजा आर्थिक तंगी को मौत की वजह नहीं माना जा सकता है। रावत ने कहा कि सीएम का यह बयान किसानों के परिजनों और किसानों के उपहास जैसा है। सीएम को इस पर माफी मांगनी चाहिए।