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अमरनाथ से बागेश्वर के 20 सदस्यों का दल सुरक्षित लौटा

अमरनाथ गए बीस यात्रियों का जथा यहां सुरक्षित पहुंच गया है। उन्होंने रास्ते में हुई दिक्कत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर आतंकवाद से जूझ रहा है। सरकार आतंकवाद का कम करने के लिए कोई...

अमरनाथ से बागेश्वर के 20 सदस्यों का दल सुरक्षित लौटा
हिन्दुस्तान टीम,हल्द्वानीTue, 11 Jul 2017 05:58 PM
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अमरनाथ गए बीस यात्रियों का जथा यहां सुरक्षित पहुंच गया है। उन्होंने रास्ते में हुई दिक्कत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर आतंकवाद से जूझ रहा है। सरकार आतंकवाद का कम करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं कर सकी है। बाबा अमरनाथ के दर्शन करने वालों पर भी खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि सेना रोज आतंकवादियों से वहां लोहा ले रही है। उन्होंने कहा कि सेना ही असली देश की शान है। पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण के नेतृत्व में 30 जून को कपकोट से अमरनाथ चलो यात्रा शुरू हुई। जिसमें 20 श्रद्धालु शामिल थे। यात्री बाबा अमरनाथ के दर्शन के बाद यहां लौट आए हैं। वे सुरक्षित हैं। पूर्व विधायक फर्स्वाण ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान को बताया कि अमरनाथ की यात्रा में भयभीत करने वाली है। उन्होंने कहा कि अनंतनाग में सबसे अधिक आतंकवाद है। लोकल ड्राइवर होने के बावजूद भी उन्हें मीर बाजार में रोक लिया गया। चार लोग बाइक में सवार थे। उन्होंने ड्राइवर से पूछताछ की। गाड़ी में कौन लोग हैं। उसने बताया कि यह स्थानीय हैं। उन लोगों ने कहा कि अमरनाथ जाने वालों को किसी भी प्रकार की मदद नहीं करें। फर्स्वाण ने बताया कि ड्राइवर ने लोकल भाषा में बात की। वे चारों वहां से निकल लिए, तब जान में जान आई। उन्होंने कहा कि पुलिस के काफिले के साथ श्रद्धालु चल रहे हैं। बावजूद आतंकवादी उन तक पहुंच जाते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा में खतरा अधिक हो गया है। उन्होंने बताया कि वे करीब 60 किमी पैदल चले। दो जुलाई को दर्शन किए। पहलगाम, कश्मीर, गुलवर्ग भी देखा। उन्होंने कहा कि कश्मीर बहुत सुंदर है। लेकिन आतंकवाद ने उसके लिए नासूर बन गया है। उन्होंने बताया कि सेना के जवान सराहनीय हैं। वे बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी दे रहे हैं। वे देश के असली प्रहरी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को कश्मीर में बढ़ रहे आतंकवाद को खत्म करने के लिए योजना तैयार करनी होगी। सिर्फ भाषणों में धमकी देना बंद होना चाहिए। दल में महिमन गड़िया, महेश गिरी, दीपक बोरा, महंत महेश गिरी खंडगेश्वर, मनोज राठोर, ख्याति पंत आदि शामिल थे।

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