बरसाती सीजन में किसानों की बढ़ी टेंशन, गंगा पार कर हाथी उजाड़ रहे गन्ने-धान
- हाथी धान की फसल को खाने हर रोज आ रहे हैं। हाथियों की ओर से बर्बाद की गई फसल का वनप्रभाग उचित मुआवजा भी नहीं देता है। कहा कि वनप्रभाग को हाथियों की रोकथाम के कोई ठोस उपाय करना चाहिए, ताकि फसलों का नुकसान न हो।
हाथियों के झुण्ड गंगा पार के जंगल से आकर पंजनहेडी, किशनपुर, बहादुरपुर जट आदि गांवों में गन्ने और धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों ने हाथियों को रोकने के ठोस उपाय करने की मांग की है।
पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड जंगलों से गंगा पार कर मिस्सरपुर, किशनपुर, पंजनहेड़ी, ज्यापोता, अजीतपुर, बिशनपुर, कुंडी, रानीमाजरा, चांदपुर, कटारपुर, फेरुपुर, शाहपुर गांव के खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुचा रहे हैं।
किसान इस बार नेम हररोज प्रतिदिन वन विभाग को बता रहे हैं। उनका कहना है कि इलाके में गन्ने और धान की खेती को बचाने के लिए वन कर्मियों की गश्त बढ़ाई जाए। किसान राजकुमार, दीपक, सुनील, बबलू, प्रेमचंद, शुसील, रामकुमार, कुलदीप, रविन्द्र, सोनू, रमेश, मुनेश, कपिल, राजू ने बताया कि धान की फसल बड़ी हो गई है।
हाथी धान की फसल को खाने हर रोज आ रहे हैं। हाथियों की ओर से बर्बाद की गई फसल का वनप्रभाग उचित मुआवजा भी नहीं देता है। कहा कि वनप्रभाग को हाथियों की रोकथाम के कोई ठोस उपाय करना चाहिए, ताकि फसलों का नुकसान न हो।
मास्टर दिनेश चौहान , प्रवेज, चौधरी महक सिंह, मास्टर आलम सिंह, अजीत चौहान, राजपाल, सतबीर, रवि, दीपू, नवीन चौहान बारिक, गौतम, अनिल चौहान, प्रमोद कुमार आदि के खेतों में हाथियों ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
दूसरी ओर ग्राम कासमपुर में बरसाती नाले से एक मगरमच्छ गांव में घुस गया। वनप्रभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ कर गंगा में छोड़ा। उपवन क्षेत्र अधिकारी अरविंद सैनी ने बताया फसलों का निरीक्षण कर उचित मुआवजा दिया जाता है।ै और क्षेत्र में ग्रस्त बढ़ाई जाएगी। बताया कि मगरमच्छ को सकुशल गंगा में छोड़ा गया है।
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