Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Farmers tension increased rainy season elephants crossing Ganga destroying sugarcane and paddy crops

बरसाती सीजन में किसानों की बढ़ी टेंशन, गंगा पार कर हाथी उजाड़ रहे गन्ने-धान

  • हाथी धान की फसल को खाने हर रोज आ रहे हैं। हाथियों की ओर से बर्बाद की गई फसल का वनप्रभाग उचित मुआवजा भी नहीं देता है। कहा कि वनप्रभाग को हाथियों की रोकथाम के कोई ठोस उपाय करना चाहिए, ताकि फसलों का नुकसान न हो।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, पथरी, हिन्दुस्तानSun, 8 Sep 2024 06:21 AM
share Share

हाथियों के झुण्ड गंगा पार के जंगल से आकर पंजनहेडी, किशनपुर, बहादुरपुर जट आदि गांवों में गन्ने और धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों ने हाथियों को रोकने के ठोस उपाय करने की मांग की है।

पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड जंगलों से गंगा पार कर मिस्सरपुर, किशनपुर, पंजनहेड़ी, ज्यापोता, अजीतपुर, बिशनपुर, कुंडी, रानीमाजरा, चांदपुर, कटारपुर, फेरुपुर, शाहपुर गांव के खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुचा रहे हैं। 

किसान इस बार नेम हररोज प्रतिदिन वन विभाग को बता रहे हैं। उनका कहना है कि इलाके में गन्ने और धान की खेती को बचाने के लिए वन कर्मियों की गश्त बढ़ाई जाए। किसान राजकुमार, दीपक, सुनील, बबलू, प्रेमचंद, शुसील, रामकुमार, कुलदीप, रविन्द्र, सोनू, रमेश, मुनेश, कपिल, राजू ने बताया कि धान की फसल बड़ी हो गई है। 

हाथी धान की फसल को खाने हर रोज आ रहे हैं। हाथियों की ओर से बर्बाद की गई फसल का वनप्रभाग उचित मुआवजा भी नहीं देता है। कहा कि वनप्रभाग को हाथियों की रोकथाम के कोई ठोस उपाय करना चाहिए, ताकि फसलों का नुकसान न हो। 

मास्टर दिनेश चौहान , प्रवेज, चौधरी महक सिंह, मास्टर आलम सिंह, अजीत चौहान, राजपाल, सतबीर, रवि, दीपू, नवीन चौहान बारिक, गौतम, अनिल चौहान, प्रमोद कुमार आदि के खेतों में हाथियों ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। 

दूसरी ओर ग्राम कासमपुर में बरसाती नाले से एक मगरमच्छ गांव में घुस गया। वनप्रभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ कर गंगा में छोड़ा। उपवन क्षेत्र अधिकारी अरविंद सैनी ने बताया फसलों का निरीक्षण कर उचित मुआवजा दिया जाता है।ै और क्षेत्र में ग्रस्त बढ़ाई जाएगी। बताया कि मगरमच्छ को सकुशल गंगा में छोड़ा गया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें