उत्तरकाशी समेत 6 जिलों में परिवार न्यायालय शुरू, नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद मिलेंगी ये सुविधाएं
- पारिवारिक मामले सिविल जज की अदालत के बजाय जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की अदालतों में शुरू किए जाएंगे और ऐसे मामलों की सुनवाई उपरोक्त जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों द्वारा पारिवारिक न्यायालयों के न्यायाधीशों की क्षमता में की जाएगी।
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शासन की ओर से पांच जुलाई को जारी अधिसूचना के मुताबिक नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के छह जिलों में परिवार न्यायालय शुरू करने के आदेश शनिवार को जारी किए हैं। जबकि कई अन्य परिवार न्यायालयों को अपग्रेड कर उनमें उच्च न्यायिक सेवा के जज नियुक्त किए गए हैं।
उधर, कई न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश भी जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल की ओर से शनिवार को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक 6 जिलों में परिवार न्यायालय शुरू करने व इन जिलों (बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी) के जिला न्यायाधीशों से अपने मूल कार्यभार के अलावा, इन पारिवारिक न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्य करने को कहा गया है।
इस आदेश के मुताबिक पारिवारिक मामलों की सुनवाई करते समय वह पारिवारिक न्यायालयों के न्यायाधीश होंगे। अब से सभी पारिवारिक मामले सिविल जज की अदालत के बजाय जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की अदालतों में शुरू किए जाएंगे और ऐसे मामलों की सुनवाई उपरोक्त जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों द्वारा पारिवारिक न्यायालयों के न्यायाधीशों की क्षमता में की जाएगी।
जिलों के सिविल न्यायाधीशों (सीनियर डिवीजन) के न्यायालयों के विचाराधीन पारिवारिक मामलों को जिला न्यायाधीशों के न्यायालयों में स्थानांतरित किया जाएगा और वह संबंधित जिलों के पारिवारिक न्यायालयों के न्यायाधीशों की क्षमता में ऐसे मामलों की सुनवाई करेंगे, जो सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालतों में लंबित हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
इसके अलावा ऋषिकेश, रुड़की व देहरादून के परिवार न्यायालय को अपग्रेड किया गया है। इन न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी अब उच्च न्यायिक सेवा के जज होंगे। अभी तक इन न्यायालयों में सिविल जज सीनियर डिवीजन तैनात थे।
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