मां को बचाने के लिए 12 साल के बेटे ने कही ऐसी बात की सुनकर दिल भर आएगा
माता-पिता के आपसी झगड़ों की वजह से नन्हें बच्चों के बालमन पर गहरा असर पड़ रहा है। महिला आयोग में सुनवाई के लिए आए परिवारों में कुछ अभिभावकों के विवाद में पिस रहे बच्चों की मार्मिक तस्वीर सामने आई। एक...
माता-पिता के आपसी झगड़ों की वजह से नन्हें बच्चों के बालमन पर गहरा असर पड़ रहा है। महिला आयोग में सुनवाई के लिए आए परिवारों में कुछ अभिभावकों के विवाद में पिस रहे बच्चों की मार्मिक तस्वीर सामने आई। एक 12 साल के बच्चे ने तो विवाद से अपनी मां को बचाने के लिए इतनी बड़ी बात कह दी कि सुनकर दिल भर आएगा। 'हिन्दुस्तान' ने ऐसे ही कुछ परिवारों की पीड़ा साझा की। बात सामने आई कि छोटी-छोटी बातों पर परिवार बिखर रहे हैं। ऐसे में परिवार के बडे़ बुजुर्गों की भूमिका भी अहम हो गई है।
बेटा बोला, मम्मी मैं हेल्प करूंगा
देहरादून। ऋषिकेश की कविता (परिवर्तित नाम) का पिछले कई साल से पति से विवाद चल रहा है। पति ने उन्हें छोड़ दिया है और दिल्ली में दूसरा विवाह कर लिया। सदस्य सचिव को उन्होंने बताया कि मेरे बच्चे भी मेरी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित रहते हैं। आज 12 साल का बेटा साथ ही आया है। रोते हुए कविता बोली, बोलता है, मम्मी अगर पापा लड़ाई करेंगे मैं मदद करूंगा। सदस्य सचिव ने बेटे को बुलाकर बातचीत की तो वो भी भावुक हो गईं।
मैडम, ससुराल वालों ने छीन ली मेरी बेटियां
देहरादून। चकराता के दंपत्ति की पीड़ा कुछ अलग ही है। दीपा (परिवर्तित नाम) के पति का निधन कुछ वर्ष पहले हो गया था। उसके बाद गांव के एक युवक से उसका विवाह हो गया। पर, अब ससुराल वाले दो लाख रुपये मांग रहे हैं। उन्होंने दीपा की दो बेटियों को उससे छीन लिया है और साथ ही धमकियां दी जा रही है कि पैसा न दिया तो जान की खैर नहीं। दोनों छिप-छिप कर जीवन जी रहे हैं। बेटियों के साथ थी दुर्व्यवहार किया जा रहा है। दीपा और उसके पति ने गुहार लगाई मैंडम हमे हमारी बच्चियां दिलवा दीजिए।
बहु मेरे बेटे को मरवा देगी, बचा लो उसे
देहरादून। कांवली रोड से आई सुनिता (परिवर्तित नाम) और उसके पति की शिकायत अपनी बहू से हैँ। कुछ समय पहले ही बेटे की शादी हुई है। बहू और उसके परिवार का रवैया काफी खराब है। उन्होने बताया कि बहू के घर वाले लगातार धमकियां दे रहे हैं। कह रहे हैं, बेटे को भी उठवा लेंगे। आरोप लगाते हैं कि हम बहू को परेशान कर रहे हैं। पर है बिलकुल ही उलटा। मैडम हमारे बेटे की जान बचवा दो बस।
प्यार से सुलझाए घरेलू विवाद, सबकी सुनें बात
देहरादून। महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंत्यूरा कहती हैं कि अक्सर देखने में आ रहा है कि छोटी छोटी बातों पर पारिवारिक विवाद हो रहे हैँ। परिवार को कोई हंसी खेल नहीं है। यह हमारे जीवन की महत्वपूर्ण इकाई है। दूसरी सबसे खतरनाक बात यह है कि परिवार के बड़े लोगों के मनमुटावों का सीधा असर छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। आयोग कोशिश करता है कि परिवारों के विवाद बातचीत से सुलझ जाएं। पर यदि, बात ज्यादा गंभीर हो जाए तो कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। सदस्य सचिव-महिला आयोग रामेंद्री मंद्रवाल का कहना है कि सभी मामलों को गंभीरता से सुना गया है। इसमें आयोग के स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दूसरे पक्ष को भी अपनी बात रखने के लिए बुलाया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
यूं करें पहल
- परिवार में विवाद हो तो बडे-बुजुर्ग सुलह की पहल करें
- एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप न करे बल्कि बातचीत करें
- मानसिक समस्या हो तो मनोचिकित्सक से उपचार कराएं
- बहू और बेटी में अंतर नहीं होना चाहिए, दोनों को समान स्नेह दें
- रिश्ता जोड़ने से पहले परस्पर वैचारिक आदान-प्रदान होना चाहिए