पेयजल के राजकीयकरण पर जल्द हो फैसला
जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चा ने बनाया दबाव देहरादून, मुख्य संवाददाता। जल निगम जल

जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चा ने बनाया दबाव देहरादून, मुख्य संवाददाता।
जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चा ने पेयजल के राजकीयकरण को दबाव बनाया। संयोजक विजय खाली ने कहा कि शासन स्तर पर पेयजल के राजकीयकरण को लेकर प्रयास नहीं हो रहे हैं। न ही ट्रेजरी से वेतन, पेंशन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
सचिव पेयजल को भेजे पत्र में संयोजक विजय खाली ने कहा कि पेयजल विभागों को राजकीय विभाग का दर्जा दिया जाना है। इसके लिए डेढ़ दशक से भी अधिक समय से मुहिम चल रही है। इन डेढ़ दशक में करीब आधा दर्ज से अधिक समितियों का गठन हो चुका है। सभी समितियों ने पेयजल को राजकीय विभाग बनाए जाने की संस्तुति अपनी रिपोर्ट में की है। इसके बाद भी पेयजल को राजकीय विभाग नहीं बनाया गया है। न ही कोई प्रक्रिया अभी तक शुरू हो पाई है।
कहा कि पूर्व में शासन स्तर से आश्वासन दिया गया था कि पेयजल के राजकीयकरण होने तक कर्मचारियों, पेंशनर्स को वेतन, पेंशन का भुगतान सीधे ट्रेजरी से किया जाएगा। इस दिशा में अभी तक किसी भी प्रकार की कोई प्रगति नहीं हुई है। ट्रेजरी व्यवस्था से सरकार को किसी भी तरह का कोई वित्तीय नुकसान नहीं होने वाला, बल्कि सरकार को सीधे लाभ होना है। कर्मचारियों, पेंशनर्स का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।
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