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UPSC रिजल्ट : दूरस्थ पहाड़ी गांव के हेमंत ने हिन्दी मीडियम से हासिल किया मुकाम

उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी गांव के हेमंत सती ने साबित कर दिखाया कि सिविल सेवा जैसी बड़ी परीक्षा में सफलता सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से ही प्राप्त नहीं की जा सकती है। हिन्दी मीडियम से भी मुकाम हासिल किया...

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लाइव हिन्दुस्तान टीम,देहरादून,Thu, 01 Jun 2017 02:13 PM
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उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी गांव के हेमंत सती ने साबित कर दिखाया कि सिविल सेवा जैसी बड़ी परीक्षा में सफलता सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से ही प्राप्त नहीं की जा सकती है। हिन्दी मीडियम से भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उत्तराखंड बोर्ड के सरकारी स्कूल से हिन्दी मीडियम में पढ़े हेमंत सती ने सिविल सेवा की परीक्षा देकर न सिर्फ सफलता हासिल की, बल्कि इसमें 88वीं रैंक भी प्राप्त की है। यही नहीं हेमंत हिन्दी मीडियम से परीक्षा देने वाले सफल उम्मीदवारों में शीर्ष पर भी हैं। 

हेमंत सती मूलरूप से कोठली, नारायणबगड़ जिला चमोली के रहने वाले हैं। पिता कांता प्रसाद राजकीय इंटर कॉलेज हरबर्टपुर देहरादून में अंग्रेजी के प्रवक्ता हैं। मां सत्येश्वरी देवी गृहणी हैं। वर्तमान में हेमंत अपने पिता के साथ न्यू फ्रेंडस कॉलोनी मोहकमपुर में रहते हैं। उनकी मां अक्सर गांव में ही रहती हैं। वह कभी-कभार ही देहरादून आती हैं। हेमंत सती के छोटे भाई आशुतोष भी सिविल सेवा की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग कर रहे हैं। 

गांव पहुंचने के लिए कच्ची खतरनाक पहाड़ी सड़क
हेमंत का गांव चमोली जिले के दूरस्थ कड़ाकोट क्षेत्र में है। उनके गांव पहुंचने के लिए पहले सड़क नहीं थी। पिछले साल ही गांव में सड़क पहुंची है। हालांकि अभी सड़क पक्की नहीं हुई है। कच्ची खतरनाक पहाड़ी सड़क पर जान जोखिम में डालकर जीप में सफर करना पड़ता है। हेमंत ने बताया कि वह बुधवार को ही गांव से लौटे हैं। राजधानी देहरादून से करीब 300 किमी दूर उनके गांव में पिछले तीन दिन से लाइट नहीं है। बिजली लाइन में फाल्ट आ गया था, जिसे ठीक करने कोई नहीं पहुंचा। इस कारण उनका मोबाइल चार्ज नहीं हो पाया। बुधवाार शाम को देहरादून पहुंचे तो फोन चार्ज किया। जैसे ही मोबाइल चालू हुआ, उन्हें बधाई के लिए फोन आने लगे। हेमंत पहाड़ से पलायन और वहां की समस्याओं को लेकर बेहद गंभीर हैं। वह मानते हैं कि सरकार के स्तर से हर तरह की योजनाएं पहाड़ के लिए बनाती हैं, लेकिन हमारे सिस्टम की कमी उसे जरूरतमंद तक पहुंचने नहीं देती है। वह इसी खाई को पाटने काम करेंगे। वह पहाड़ के लिए एक अच्छे प्रशासक साबित होना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने अपनी पहली च्वाइस उत्तराखंड कैडर रखी है। 

राजस्थान पीसीएस में हुआ चयन, ज्वाइन नहीं किया
गौरतलब है कि पिछले वर्ष उनका राजस्थान पीसीएस में जिला पर्यटन अधिकारी के तौर पर चयन हो गया था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। हेमंत ने अपनी तैयारी जारी रखी। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उनका सपना साकार हुआ। इस बार उन्हें पूरे देश में 88वीं रैंक हासिल हुई है। अब वह आइएएस बनने की राह पर हैं। हेमंत ने बताया कि उनका छोटा भाई आशुतोष भी सिविल सेवा की तैयारी कर रहा है। हेमंत सती ने कहा कि हिन्दी मीडियम से होना कभी उनकी तैयारी में बाधा नहीं बना। पांच बार सिविल सेवा परीक्षा देने पर तीन बार प्री-एग्जाम तक पहुंचे। चौथीबार मेंस भी निकाला। मगर इंटरव्यू में बाहर हो गए। इरादे मजबूत थे तो इस बार सफलता मिल ही गई।

दोस्त ने सिविल सर्विसेज के लिए प्रेरित किया
सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले हेमंत सती ने स्कूलिंग से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई हिन्दी मीडियम से की। इंटरमीडिएट तक उनका सिविल सेवा का लक्ष्य नहीं था। देहरादून में ग्रेजुएशन करने पहुंचे तो उनके दोस्त नीरज सेमवाल और शैलेश सती ने उन्हें सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। हेमंत ने 2011 से सिविल सेवा की परीक्षाएं देनी शुरू की। मगर कुछ अड़चनों के चलते वह बाहर हो गए। हिम्मत रखते हुए हेमंत ने कठिन मेहनत कर सफलता प्राप्त कर ली। हेमंत ने बताया कि हिम्मत और भरोसा सफलता के दरवाजे तक पहुंचाते हैं।

फोन पर बड़ी मुश्किल से दी मां को सूचना
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 88वीं रैंक हासिल करने वाले उत्तराखंड के कोठली (नारायणबगड़) चमोली निवासी हेमंत सती ने बताया कि गांव में मोबाइल के सिग्नल कुछ जगह ही आते हैं। परीक्षा पास होने की सूचना सबसे पहले मां को देने के लिए फोन मिलाया, मगर बात नहीं हो पाई। कहा कि कई बार ट्राई करने के बाद गांव के किसी परिचित को फोन लगा। इसके बाद मां को सफलता की सूचना दी। कहा कि राज्य के गांव आज भी विकास से अछूते हैं। उनके गांव में सड़क एक साल पहले ही पहुंची है, लेकिन अभी कच्ची सड़क है। जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है। 

हिन्दी माध्यम के टॉपर
देहरादून के करनपुर स्थित आईएएस एकेडमी के डॉयरेक्टर आए खान के बताया कि हेमंत सती ने उनके कोचिंग सेंटर से तैयारी की है। उन्होंने हेमंत सती को बधाई दी। कहा कि हिन्दी माध्यम से परीक्षा पास करने वालों में हेमंत शीर्ष पर हैं। उनकी सफलता से हिन्दी माध्यम से तैयारी करने वाले छात्रों को प्रेरणा मिलेगी।

हेमंत सती का प्रोफाइल
जन्मतिथि - 18 नवंबर 1990
प्राथमिक शिक्षा : सरस्वती शिशु मंदिर, चौखुटिया अल्मोड़ा
छह से 12वीं तक : राजकीय इंटर कॉलेज चौखुटिया अल्मोड़ा
कॉलेज : डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून से 2009 में बीएससी और इग्नू से इतिहास में एमए किया।
दसवीं और 12वीं में स्कूल के टॉपर रहे।


 

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