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बदल जाएगा देहरादून का ट्रांसपोर्ट सिस्टम, अब इलेक्ट्रिक बस-ऑटो चलेंगे

जल्द देहरादून शहर ट्रांसपोर्ट सिस्टम बदल जाएगा। राजधानी देहरादून में प्रदूषण कम करने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए शहर में ई वाहनों को परमिट में वरीयता दी जाएगी। अब उन्हीं ऑटो रिक्शा को परमिट...

बदल जाएगा देहरादून का ट्रांसपोर्ट सिस्टम, अब इलेक्ट्रिक बस-ऑटो चलेंगे
Thakurदेहरादून, लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 21 Feb 2018 03:47 PM
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जल्द देहरादून शहर ट्रांसपोर्ट सिस्टम बदल जाएगा। राजधानी देहरादून में प्रदूषण कम करने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए शहर में ई वाहनों को परमिट में वरीयता दी जाएगी। अब उन्हीं ऑटो रिक्शा को परमिट मिलेंगे जो इलेक्ट्रिक होंगे। पहले चरण में दून में 100 इलेक्ट्रिक बसों को परमिट दिए जाएंगे। साथ ही विक्रमों की संख्या भी सीमित की जाएगी। 

गढ़वाल आयुक्त दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की क्षेत्र के 57 बिंदुओं पर सुनवाई हुई। कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी तो कुछ पर आपत्तियां आई हैं। कई रूटों पर नई बस, ऑटो और विक्रम के आवेदनों पर भी सुनवाई हुई।
इस दौरान आईएसबीटी-सहस्त्रधारा रूट पर चार नये बसों को परमिट देने का प्रस्ताव था। इसके अलावा कई दूसरे रुट पर भी टाटा मैजिक चलाने के अलावा सिटी बसों का रूट बढ़ाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया। आरटीए अध्यक्ष दिलीप जावलकर ने कहा कि सरकार देहरादून शहर में ई वाहनों के संचालन पर जोर दे रही है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत भी ई-बसें खरीदी जानी हैं। 

इस तरह दून में 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने पर आरटीए की बैठक में सहमति बनी है। इसके अलावा सरकार ई वाहनों के लिए योजना बना रही है, ताकि शहर में प्रदूषण को कम किया जा सके। इसलिए रूटों का दोबारा सर्वे करवाकर ई वाहनों को परमिट दिया जाएगा। बैठक में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में शामिल वाहनों, सिटी बस, विक्रम, ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा, टाटा मैजिक के लिए अलग-अलग कलर कोड तय कर दिए गए हैं। अब शहर में बगैर कलर कोड के पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन नहीं चल पाएंगे। बैठक में आरटीओ सुधांशु गर्ग, आरटीए सदस्य अनिल डबराल, राजपाल सिंह, टीजीएमओ के चंदन सिंह पंवार, यातायात के कुंवर सिंह, पंकज अरोड़ा, बालेंद्र तोमर आदि मौजूद रहे।

स्टेज कैरिज परमिट का विरोध 

बैठक में ऑटो-विक्रम वाहनों को स्टैज कैरिज परमिट का विरोध हुआ। सिटी बस महासंघ अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि यह नियम विरुद्ध है। स्टेज कैरिज परमिट के लिए नियम बने हुए हैं, जो ऑटो-विक्रम वाहन पूरे नहीं करते हैं। टीजीएमओ और रोडवेज ने भी इस आपत्ति की है।

शादियों में चलेंगी सिटी बसें 

सिटी बसें अब शादियों में भी चल सकेंगी। सिटी बस महासंघ ने बैठक में बताया कि सिटी बसों को भीड़ बढ़ने पर चारधाम यात्रा में चलाया जाता है, शादियों में चलने की अनुमति नहीं है। बसों को शादियों के लिए वैकल्पिक परमिट मिलना चाहिए। इससे सरकार को भी राजस्व मिलेगा। इस पर दस फीसदी बसों को शादियों के लिए अस्थाई परमिट पर सहमति बनी।

ऑटो यूनियन वाले भिड़े 

दून ऑटो रिक्शा यूनियन में दो फाड हो रखे हैं। दोनों धड़ों ने अपनी-अपनी कार्यकारिणी बना रखी है। बैठक में ऑटो-रिक्शा पर मीटर लगाने और दयारा बढ़ाने पर विचार होना था। दोनों यूनियन के पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे। सुनवाई के दौरान दोनों धड़ों के पदाधिकारी आपस में भिड़ते नजर आए। एक-दूसरा अपनी यूनियन को वैध होने का दावा करता रहा।

ई ऑटो-रिक्शा परमिट का विरोध शुरू 

ई ऑटो-रिक्शा को परमिट देने का विरोध शुरू हो गया है। दून ऑटो रिक्शा यूनियन ने आरटीए की बैठक में लिए गए इस फैसले को गलत ठहराया है। चेतावनी दी कि यूनियन इसका पुरजोर विरोध करेगी। यूनियन का कहना है कि शहर में ई रिक्शा का संचालन हो रहा है, लेकिन इनके लिए अभी तक कोई नियम तय नहीं है। ई रिक्शा के अभी तक रूट तक तय नहीं किए गए। विरोध करने वालों में अध्यक्ष पंकज अरोड़ा, महामंत्री राम सिंह, साबिर खान, विनोद शर्मा, राकेश अग्रवाल, मुकेश, नरेंद्र कुमार शर्मा, नवीन मेहंदीरत्ता आदि शामिल हैं।

राजाजी पार्क में जिप्सी वाहन को परमिट  

राजाजी राष्ट्रीय पार्क की चीला रेंज में सैर के लिए जिप्सी वाहन को परमिट देने का फैसला भी लिया गया। प्राधिकरण के अध्यक्ष ने वन विभाग की डिमांड के अनुसार परमिट देने को कहा। आरटीए के इस फैसले से राजाजी पार्क की सैर करने आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी।

इन पर नहीं हो पाया फैसला 

देहरादून-डोईवाला सिटी सेवा का दायरा भानियावाला-लालतप्पड़ तक बढ़ाने पर फैसला अटका
- प्रेमनगर-नंदा की चौकी-भाऊवाला से कोटड़ा मार्ग पर मैक्सी कैब को परमिट देने का मामला
- अनारवाला और परेड ग्राउंड वाया बल्लूपुर चौक-रिस्पना पुल मार्ग पर मैक्सी कैब को परमिट का मामला
- ऑटो-रिक्शा संचालन का दायरा 25 से 40 किमी करने का मामला
- ऑटो-रिक्शा में ऑटोमैटिक किराया मीटर लगाने पर भी फैसला नहीं हुआ। 

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