The need to encourage readers to write in Sanskrit: Arvind Pandey संस्कृत में लिखने पढ़ने वालों को प्रोत्साहित करने की जरूरत : अरविंद पांडे, Dehradun Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़देहरादूनThe need to encourage readers to write in Sanskrit: Arvind Pandey

संस्कृत में लिखने पढ़ने वालों को प्रोत्साहित करने की जरूरत : अरविंद पांडे

उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा स्वाधीनता दिवस पर अखिल भारतीय संस्कृत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें शामिल कवियों ने संस्कृत भाषा में समसामायिक विषयों वाली कविताओं का पाठ किया। मुख्य अतिथि...

हिन्दुस्तान टीम देहरादूनFri, 11 Aug 2017 07:43 PM
share Share
Follow Us on
संस्कृत में लिखने पढ़ने वालों को प्रोत्साहित करने की जरूरत : अरविंद पांडे

उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा स्वाधीनता दिवस पर अखिल भारतीय संस्कृत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें शामिल कवियों ने संस्कृत भाषा में समसामायिक विषयों वाली कविताओं का पाठ किया।

मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए संस्कृत लिखने-पढ़ने वालों को प्रोत्साहित करना होगा। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा पथरी बाग स्थित श्री लक्ष्मण विद्यालय में हुए अखिल भारतीय संस्कृत कवि सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा है। जिसमें सृष्टि का पूरा सार समाहित है। संस्कृत भाषा में छिपे विज्ञान को विश्व ने भी स्वीकार किया है और इसे वैज्ञानिक भाषा माना है। एक समय था जब भारतवर्ष में संस्कृत का बोलबाला था। लेकिन आज वैसी स्थिति नहीं है। संस्कृत को पुर्नजीवन की जरूरत है।

प्रचार-प्रसार, संरक्षण व सम्वर्द्धन कर संस्कृत भाषा को बचाया जा सकता है। संस्कृत में लिखने वाले लेखक व विद्वानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। सचिव संस्कृत उषा शुक्ला ने कहा कि संस्कृत हमारे ज्ञान का अमूल्य भंडार सहेजे हुए हैं। हमारे धर्मग्रंथ, उपनिषध की मुख्य भाषा संस्कृत ही है। संस्कृत के विकास के लिए हमें अनुसंधानों का सहारा लेना होगा। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी सचिव गिरधर सिंह भाकुनी ने बताया कि अकादमी प्रदेश के सभी विकासखंडों में संस्कृत से जुड़ी प्रतियोगिताएं करा रही है। इस मौके पर हुए संस्कृत कवि सम्मेलन में आए कवियों ने भ्रष्टाचार, महिला मुद्दों पर तैयार कविताओं का पाठ किया।

हरियाणा से आए डा. श्रेयांश द्विवेदी, लखनऊ के प्रोफेसर आरपी तिवारी, हिमाचल के डा. हरिदत्त ग्वाणी, वृंदावन से डा. रामगोपाल त्रिपाठी, देहरादून से डा. रामविनय सिंह, डा. बुद्धदेव शर्मा, कानपुर से डा. नवलता, वाराणसी से प्रोफेसर कमला पांडेय, हरिद्वार से डा. निरंजन मिश्र ने कविता पाठ किया। इससे पहले श्री लक्ष्मण विद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रगान और श्री गुरु राम राय संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। आर्ष कन्या गुरुकुल महाविद्यालय की छात्राओं ने राष्ट्रगीत की प्रस्तुति दी। मौके पर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश अवस्थी, डा. हरीश चंद्र गुरुरानी, किशोरी लाल रतूड़ी, मनीष चंचल, जनार्दन कैरवान, विनायक भट्ट, रामप्रसाद थपलियाल, कैलाश मैठाणी, डा. सूर्यमोहन भट्ट मौजूद थे। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।