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कोश्यारी के नाम सबसे बड़ी, चंद्रमोहन के नाम सबसे छोटी जीत

लोकसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं ने अपनी-अपनी जीत का दावा करते हुए नामांकन कर दिया...

कोश्यारी के नाम सबसे बड़ी, चंद्रमोहन के नाम सबसे छोटी जीत
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनTue, 26 Mar 2019 04:36 PM
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देहरादून। अंशुल डांगी

लोकसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं ने अपनी-अपनी जीत का दावा करते हुए नामांकन कर दिया है। मगर एक बार ही उत्तराखंड में दो लाख से अधिक वोट से प्रत्याशी को जीत मिल सकी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने नैनीताल लोकसभा सीट पर पौने तीन लाख से अधिक वोट से जीत दर्ज कर रिकॉर्ड बनाया था, जो प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों की सबसे बड़े अंतर की जीत है। जबकि सबसे कम अंतर से जीत का रिकॉर्ड पौड़ी गढ़वाल सीट से जनता दल प्रत्याशी चंद्रमोहन के नाम है। उन्होंने करीब एक हजार वोट से जीत हासिल की थी।

उत्तराखंड की लोकसभा सीटों पर पहले लोकसभा चुनावों के बाद से अब तक करीब 47 नेता सांसद बन चुके हैं। इसमें से कई नेता एक से अधिक बार भी अपनी सीटों पर चुनाव जीतकर सांसद बनते रहे। भाजपा और कांग्रेस 7-7 बार एक लाख से अधिक वोट से जीतने में सफल रहे हैं, जबकि बीएलडी, कांग्रेस(आई), एआईआईसी(टी) के नाम भी एक लाख से अधिक के अंतर से जीत दर्ज है। पहली बार 1977 में हरिद्वार लोकसभा सीट के पहले चुनाव में एक लाख से अधिक वोट से कोई नेता जीत सका। तब बीएलडी के भगवान दास ने 177203 वोट के अंतर से जीत दर्ज कर नया रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद 1980 में पौड़ी गढ़वाल लोक सभा सीट से हेमवती नंदन बहुगुणा 12440 नैनीताल लोकसभा सीट पर 1980 में पं. नारायण दत्त तिवारी 104422 वोट से जीतने में सफल रहे थे। इसके बाद कई नेता एक लाख या डेढ़ लाख से अधिक वोट से भी जीतकर अपना दबदबा दिखाते रहे। मगर साल 2014 में मोदी लहर में उत्तराखंड में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बना। उत्तराखंड की चार लोकसभा टीमों पर भाजपा प्रत्याशियों ने पौने दो लाख से अधिक वोट से जीत हासिल की थी। इसमें नैनीताल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने 284717 के अंतर से जीत हासिल कर सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। यह उत्तराखंड बनने के बाद हुए लोकसभा चुनावों में तो सबसे बड़े अंतर से जीत का रिकॉर्ड बना ही, साथ ही उत्तर प्रदेश में रहते हुए लोकसभा चुनावों में मिली जीतों के रिकॉर्ड को भी तोड़ने में कामयाब रहा।

अल्मोड़ा में हरीश रावत का रिकॉर्ड कायम

अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर सिर्फ एक बार ही कोई प्रत्याशी एक लाख से अधिक वोट से जीत हासिल कर सका है। 1984 में इंदिरा की हत्या के बाद दिसंबर में हुए चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में सहानभूति लहर ने कांग्रेस को देश में सबसे बड़ी जीत दिलायी थी। इसी चुनाव में अल्मोड़ा लोकसभा सीट से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश चंद्र सिंह रावत 140332 वोट के अंतर से भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को हराकर सांसद बने थे। इसके अलावा कोई भी प्रत्याशी इस सीट पर एक लाख वोट से नहीं जीत सका है। 2014 के चुनाव में सांसद अजय टम्टा 95690 वोट से जीते हैं।

लोकसभा चुनाव

सबसे बड़े अंतर से जीत(डेढ़ लाख से अधिक)

2014- 284717- भाजपा- नैनीताल- भगत सिंह कोश्यारी

2014-191503- भाजपा- टिहरी- माला राज्य लक्ष्मी शाह

2014- 184526- भाजपा- पौड़ी- भुवन चंद्र खंडूड़ी

1998-182092- भाजपा- टिहरी-मानबेंद्र शाह

2014- 177822- भाजपा- हरिद्वार-डा. रमेश पोखरियाल निशंक

1977- 177203- बीएलडी- हरिद्वार-भगवान दास

1998- 174947- भाजपा-पौड़ी-भुवन चंद्र खंडूड़ी

1984- 166660- कांग्रेस-नैनीताल-सतेंद्र चंद्र

1996- 155845- एआईआईसी(टी)-नैनीताल-नारायण दत्त तिवारी

सबसे छोटी जीत(10 हजार से कम)

1989- 1007-पौड़ी गढ़वाल-जेडी- चंद्र मोहन

1989- 2463- हरिद्वार- कांग्रेस- जगपाल सिंह

1957- 6886- अल्मोड़ा- कांग्रेस- जेबी सिंह

2009- 6950- अल्मोड़ा- कांग्रेस- प्रदीप टम्टा

संसदीय क्षेत्र में सबसे बड़ी और छोटी जीत

टिहरी

बड़ी- 2014-191503- भाजपा

छोटी- 1989- 12384-कांग्रेस

पौड़ी गढ़वाल

बड़ी- 2014- 184526- भाजपा

छोटी- 1989- 1007- जेडी

हरिद्वार

बड़ी- 2014- 177822- भाजपा

छोटी- 1989- 2463- कांग्रेस

अल्मोड़ा

1984- 140332- कांग्रेस

1957- 6886- कांग्रेस

नैनीताल

बड़ी- 2014- 284717- भाजपा

छोटी- 1991- 11429- भाजपा

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