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टिहरी बांध से बारह वर्षों में बनीं 43 हजार मिलियन यूनिट बिजली,प्रत्येक वर्ष में निर्धारित लक्ष्य से अधिक हुआ उत्पादन

देश का सबसे ऊंचा टिहरी बांध जल विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख रहा है। निर्माण के बाद से पिछले 12 वर्षों में टिहरी बांध परियोजना से निर्धारित करीब 39 हजार लक्ष्य के सापेक्ष 43...

टिहरी बांध से बारह वर्षों में बनीं 43 हजार मिलियन यूनिट बिजली,प्रत्येक वर्ष में निर्धारित लक्ष्य से अधिक हुआ उत्पादन
हिंदुस्तान एक्सक्लूसिव,नई टिहरी,अजय कुमारFri, 06 Jul 2018 03:46 PM
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देश का सबसे ऊंचा टिहरी बांध जल विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख रहा है। निर्माण के बाद से पिछले 12 वर्षों में टिहरी बांध परियोजना से निर्धारित करीब 39 हजार लक्ष्य के सापेक्ष 43 हजार मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं में अग्रणी टिहरी बांध परियोजना देश के विकास में अहम योगदान दे रही है। तीन चरणों वाली इस परियोजना का पहला बांध वर्ष 2006 में बनकर तैयार हो गया था। टिहरी बांध एवं हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट नाम के इस बांध से वित्त वर्ष 2006-07 से 2017-18 तक कुल निर्धारित लक्ष्य 32226.31 के सापेक्ष 35430.28 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन हुआ है। जबकि वर्ष 2011-12 में तैयार परियोजना के दूसरे कोटेश्वर हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट से भी सात वर्षां में निर्धारित लक्ष्य से अधिक बिजली का उत्पादन हुआ है। कोटेश्वर बांध से वर्ष 2011-12 से 2017-18 तक कुल निर्धारित 7536.16 के सापेक्ष 8195.73 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ। इस तरह परियोजना से 12 वर्षों में कुल निर्धारित 39762.4 के सापेक्ष 43626.01 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन हुआ है। परियोजना का अंतिम चरण टिहरी पंप स्टोरजे प्लांट(पीएसपी) अभी निर्माणाधीन है। पीएसपी का निर्माण पूरा होने से विद्युत उत्पादन में और अधिक इजाफा होने की उम्मीद है।

परियोजना के बारे में 
टिहरी बांध परियोजना का निर्माण अविभाजित उत्तरप्रदेश में वर्ष 1978 में शुरू हुआ था। जिसकी प्रारंभिक क्षमता 600 मेगावाट निर्धारित थी। धनाभाव के कारण जब निर्माण कार्य बाधित हुआ तो सरकार ने वर्ष 1988 में टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (टीएचडीसी) का गठन कर निर्माण कार्य को पुनः शुरू करवाया। वर्ष 1990 में परियेजना का डिजाइन बदलकर इसकी क्षमता 600 मेगावाट से बढ़ाकर 2400 मेगावाट कर दी गयी। जिसमें टिहरी बांध एक हजार मेगावाट, कोटेश्वर बांध 400 और टिहरी पम्प स्टोरेज प्लांट की क्षमता एक हजार मेगावाट है। 

मशीनों के उचित रख-रखाव और अधिकारी-कर्मचारियों की टीम के अच्छे कार्य की बदौलत ही लक्ष्य से अधिक विद्युत उत्पादन हासिल हुआ है। परियोजना के अंतिम चरण टिहरी पम्प स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का 65 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। मई 2021 तक अवशेष कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पीएसपी के बनने से बिजली उत्पादन में और अधिक वृद्धि होगी।
श्रीराम मिश्रा, अधिशासी निदेशक, टिहरी बांध परियोजना
 

 
 
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